कुरूद में संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्ष चयन को लेकर सियासी गर्माहट
कुरूद। संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्ष चयन को लेकर कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। राहुल गांधी की पहल पर चल रहे इस अभियान के तहत नए जिलाध्यक्ष का चयन करने के लिए एआईसीसी से आई आब्जर्वर टीम ने क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की। इस प्रक्रिया के दौरान पारंपरिक गुटबाजी सतह पर साफ दिखाई दी।
राहुल गांधी की “नई कांग्रेस” में हिस्सेदारी निभाने के लिए कुरूद क्षेत्र से आधे दर्जन से अधिक कांग्रेसी दावेदार मैदान में उतर आए। इस बीच, धमतरी जिले के नए जिलाध्यक्ष के चयन के लिए नियुक्त आब्जर्वर — राजस्थान की पूर्व मंत्री रेयाना चिश्ती और छत्तीसगढ़ के पूर्व संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे — ने मंगलवार को भखारा ब्लॉक के बाद कुरूद पहुंचकर कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
राहुल गांधी का फॉर्मूला: कामधारी को मिले प्राथमिकता
राहुल गांधी का यह अभियान कांग्रेस संगठन को पुनर्गठित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। उनका लक्ष्य है कि पार्टी में “नामधारी” नहीं, बल्कि “कामधारी” लोगों को जिम्मेदारी दी जाए। गुजरात अधिवेशन में लिए गए प्रस्ताव के अनुसार अब जिला अध्यक्षों को अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं, ताकि वे स्थानीय स्तर पर सशक्त संगठन तैयार कर सकें।
इसी सोच के तहत इस बार जिलाध्यक्ष बनने की होड़ लंबी है। करीब 40 से अधिक नेताओं ने अपना बायोडाटा सौंपा है, जिनमें पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा, पीसीसी सचिव तारणी-नीलम चंद्राकर, जिला उपाध्यक्ष भरत नाहर, पूर्व नपं अध्यक्ष तपन चंद्राकर, रमेश पाण्डेय और निशु चंद्राकर शामिल हैं।
आब्जर्वर रेयाना चिश्ती ने कहा – योग्यता होगी प्राथमिकता
मीडिया से बात करते हुए आब्जर्वर रेयाना चिश्ती ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ-साथ गाँवों के आम लोगों से भी संवाद किया है। उन्होंने दावा किया कि निचले स्तर पर कांग्रेस का जनाधार मजबूत हो रहा है और “देश में कांग्रेस के अच्छे दिन आने वाले हैं।”
गुटबाजी पर उन्होंने कहा कि यह राजनीति का हिस्सा है, लेकिन इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि जो दावेदार भीड़ जुटा रहे हैं, उनका मूल्यांकन कैसे करेंगी, तो उन्होंने कहा — “मैं तीन दशक से राजनीति में हूँ, सब समझती हूँ।
संगठन सृजन अभियान में नई ऊर्जा का संचार
संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्ष चयन ने स्थानीय कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा दिया है। अब कांग्रेस कार्यकर्ता यह उम्मीद कर रहे हैं कि नया नेतृत्व मैदान में सक्रिय लोगों से बनेगा, जो संगठन को मजबूत कर सके।
इस मौके पर पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा, लेखराम साहू, नीलम चंद्राकर, भरत नाहर, तपन चंद्राकर, राजकुमारी दीवान, रमेश पाण्डेय, रजत चंद्राकर, गोविंद साहू और कई अन्य नेता मौजूद रहे।
कुरूद में चल रहा संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्ष चयन न केवल एक औपचारिक प्रक्रिया है, बल्कि कांग्रेस की नई सोच और नए युग का प्रतीक भी है। राहुल गांधी का यह प्रयास पार्टी में नई ऊर्जा और पारदर्शिता लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि इस सृजन अभियान से कांग्रेस को कितना नया स्वरूप मिलता है।







