कुरुद : कुरुद मुख्यमंत्री तीर्थ योजना यात्रा के तहत 8 अक्टूबर को कुरुद जनपद क्षेत्र के 24 श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीरामचन्द्र जी के दर्शन के लिए अयोध्या धाम के लिए भेजा गया। भाजपा नेताओं ने तीर्थ यात्रियों को शुभकामनाएँ देते हुए बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह यात्रा छत्तीसगढ़ शासन की मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को सुलभ और निशुल्क बनाना है। इस योजना के तहत कुरुद क्षेत्र के कई श्रद्धालुओं ने अब तक इस यात्रा का लाभ उठाया है।
मुख्यमंत्री तीर्थ योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री तीर्थ योजना का लक्ष्य है कि प्रत्येक श्रद्धालु को धार्मिक स्थलों तक सुरक्षित और निशुल्क यात्रा का अवसर मिल सके। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार नियमित रूप से तीर्थ यात्राओं का आयोजन करती है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलता है।
यात्रा का शुभारंभ
मंगलवार सुबह जनपद पंचायत कुरुद के सामने लगी बस में चयनित 24 तीर्थ यात्रियों को रवाना करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता टकेश्वर चन्द्राकर ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के अंतर्गत हर धार्मिक पर्यटन की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है।
सरपंच पन्ना चंद्राकर और महामंत्री थानेश्वर तारक ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं विधायक अजय चंद्राकर के निर्देश पर जनपद अध्यक्ष गितेश्वरी साहू लगातार क्षेत्रवासियों को इस योजना का लाभ दिलाने में जुटी हैं।
यात्रा में शामिल श्रद्धालु और उनका अनुभव
इस यात्रा में झालेंद्र कंवर, वीरेंद्र साहू, सावित्री साहू, सोनकुवार, बिसेलाल, विष्णुदेव, हरिराम, कुंजूराम, तिजूराम साहू, गौकरण ध्रुव, कुंवरलाल साहू, ग़ैंदूराम, मुरारी निषाद, समारु, परमेश्वर, ओंकार, जयलाल, भानु, मुकसूदन, चोवाराम, रूपनलाल, शिवप्रसाद, धनीराम, दाऊलाल, थूकेल और रंजीत निषाद आदि श्रद्धालु शामिल थे।
तीर्थयात्रियों ने अपने अनुभव में कहा कि इस तरह की योजना उन्हें धार्मिक स्थल दर्शन का अवसर प्रदान करती है, जो उनकी आध्यात्मिक यात्रा को समृद्ध बनाती है।
आगे की योजना
करारोपण अधिकारी राकेश ध्रुव ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर आगे भी श्रद्धालुओं के लिए ऐसी यात्राओं का आयोजन किया जाएगा। यह पहल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और जनमानस में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है।
कुरुद मुख्यमंत्री तीर्थ योजना यात्रा न केवल श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थलों तक पहुँचाने का अवसर देती है बल्कि यह धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाती है। इस योजना से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक संतोष और जीवन में नई ऊर्जा प्राप्त होती है।







