धमतरी में शिक्षा सुधार की नई पहल
धमतरी : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान धमतरी के अंतर्गत जिले के सभी स्कूलों में आज सामाजिक अंकेक्षण एवं पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, परीक्षा परिणामों में उन्नयन और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देना था।
कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा के निर्देश
धमतरी कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने शिक्षा सुधार को लेकर अधिकारियों और शिक्षकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव है और मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान धमतरी का उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षण वातावरण प्रदान करना है।
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा —
“कोई भी विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर नहीं रहना चाहिए। शिक्षकों को कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देना होगा और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त क्लास लगानी चाहिए।”
168 अधिकारियों की नियुक्ति और निरीक्षण
इस अभियान के सफल संचालन हेतु 168 अधिकारियों को संकुल स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था, ताकि सामाजिक अंकेक्षण सुचारू रूप से संचालित हो सके।
कलेक्टर मिश्रा ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोहरसी का दौरा किया और पालक-शिक्षक बैठक में भाग लेते हुए अभिभावकों से सीधे संवाद किया।
उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे विद्यार्थियों को केवल परीक्षा में पास होने के बजाय मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही, मेधावी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग देने पर जोर दिया।
पालक-शिक्षक सहभागिता से बढ़ेगा समन्वय
पालक-शिक्षक बैठक में एसएमसी सदस्य, अभिभावक, और शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है जब अभिभावक विद्यालय की गतिविधियों और बच्चों की प्रगति पर नियमित निगरानी रखें।
जिला मिशन समन्वयक (समग्र शिक्षा) श्री अनुराग त्रिवेदी ने बताया कि जिले के सभी विद्यालयों में सामाजिक अंकेक्षण पारदर्शी और प्रभावी ढंग से संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने परीक्षा परिणाम सुधार और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया।
संकुल और शिक्षा अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में एपीसी श्री प्रवीण साहू, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री लीलाधर चौधरी, बीआरसीसी श्री ललित सिन्हा, संकुल समन्वयक श्री दिनेश अग्रवाल, और नोडल शिक्षिका श्रीमती मातेश्वरी दीवान की उपस्थिति विशेष रही।
इन सभी अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान धमतरी न केवल शिक्षण व्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मक भावना भी बढ़ा रहा है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधार में सामूहिक प्रयास जरूरी
कलेक्टर ने कहा कि दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के अच्छे परिणाम इस बात का उदाहरण हैं कि समर्पण और सही दिशा से किसी भी विद्यालय का स्तर ऊंचा किया जा सकता है।
उन्होंने मुख्यालय के स्कूलों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।
कार्यक्रम के परिणाम और आगे की दिशा
सामाजिक अंकेक्षण के दौरान विद्यालयों की शिक्षण गतिविधियों, परिणामों, और विद्यार्थियों की उपस्थिति का विस्तृत मूल्यांकन किया गया।
कार्यक्रम के बाद विद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए ठोस योजनाएँ बनाई जा रही हैं, जिनमें अतिरिक्त अध्ययन सत्र, शिक्षकों का प्रशिक्षण, और विद्यार्थियों के व्यक्तिगत परामर्श सत्र शामिल हैं।
शिक्षा गुणवत्ता सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम
अंततः कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान धमतरी ने जिले में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है।
सामाजिक अंकेक्षण और पालक-शिक्षक सहभागिता जैसे कार्यक्रमों से शिक्षा की पारदर्शिता और गुणवत्ता में निरंतर सुधार की उम्मीद बढ़ी है।







