‘किलर’ कफ सीरप बनाने वाली कंपनी की 364 बार नियमों की अनदेखी, स्वास्थ्य मंत्रालय सख्त

📰 Cough Syrup : 364 बार नियमों का उल्लंघन, बड़ी लापरवाही उजागर

Cough Syrup : ‘किलर’ कफ सीरप बनाने वाली एक फार्मा कंपनी की गंभीर लापरवाही का खुलासा हुआ है। हाल ही में आई जांच रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने दवा निर्माण से जुड़े कुल 364 बार नियमों का उल्लंघन किया है। इनमें गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मानक, और उत्पादन प्रक्रिया से संबंधित बड़ी कमियां सामने आई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कंपनी को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन सुधार के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

⚠️ जांच में सामने आई खामियाँ

स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच टीम ने कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में कई अनियमितताएँ पाई हैं। रिपोर्ट के अनुसार:

  • लैब में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की सफाई के रिकॉर्ड अधूरे थे।

  • सैंपल टेस्टिंग के दस्तावेज़ों में भी गड़बड़ियाँ थीं।

  • दवा निर्माण में गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) के नियमों का पालन नहीं किया गया।

इन गंभीर खामियों के कारण अब कई राज्यों से Cough Syrup के सैंपल वापस मंगवाए जा रहे हैं।

🧪 स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्त कार्रवाई की तैयारी

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कंपनी पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर संबंधित दवाओं की बिक्री और वितरण पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
माना जा रहा है कि दोषी पाई गई कंपनी का लाइसेंस निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है।

🧬 विशेषज्ञों की राय: गुणवत्ता पर निगरानी बेहद जरूरी

फार्मा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि Cough Syrup से जुड़ी घटनाओं ने दवा सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार:

“दवा उद्योग में गुणवत्ता नियंत्रण की सख्त निगरानी जरूरी है। एक छोटी सी लापरवाही भी सैकड़ों लोगों के जीवन के लिए खतरा बन सकती है।”

विशेषज्ञों ने सरकार से मांग की है कि दवा निर्माण इकाइयों की नियमित ऑडिटिंग की जाए और दोषी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए।

🧭 कई देशों में भी Cough Syrup विवाद

यह पहली बार नहीं है जब Cough Syrup को लेकर विवाद सामने आया है। इससे पहले भी गाम्बिया और उज्बेकिस्तान जैसे देशों में ऐसे कफ सीरप के कारण बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे।

📊 जनस्वास्थ्य पर असर और आगे की राह

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि फार्मा सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है। अगर ऐसी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो लोगों का भरोसा दवा उद्योग पर से उठ सकता है।

Cough Syrup विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दवा निर्माण में किसी भी तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के बाद उम्मीद की जा रही है कि दोषी कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएँ।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu