धमतरी में स्वदेशी दीपावली का संकल्प
धमतरी । इस वर्ष धमतरी जिला प्रशासन ने स्वदेशी भावना और परंपरागत संस्कृति के साथ दीपावली मनाने का संकल्प लिया है। कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिया है कि मिट्टी के दीये बनाने और बेचने वाले ग्रामीणों एवं कुम्हारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो तथा उनसे कोई कर या शुल्क न लिया जाए। प्रशासन का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पारंपरिक शिल्प को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
कलेक्टर अविनाश मिश्रा की अपील – “कुम्हार हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं”
कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि कुम्हार और ग्रामीण शिल्पकार हमारी सांस्कृतिक विरासत के संवाहक हैं। उनके हाथों से बने मिट्टी के दीये सिर्फ सजावट का साधन नहीं बल्कि हमारी लोककला और परंपरा की पहचान हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन का दायित्व है कि इन कारीगरों को सम्मान, सुविधा और प्रोत्साहन दिया जाए।
स्वदेशी उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दीपावली पर्व को जिलेभर में हर्षोल्लास और सौहार्द के साथ मनाया जाए। लोगों से अपील की गई है कि वे चीनी या प्लास्टिक से बने कृत्रिम उत्पादों की बजाय मिट्टी के दीयों और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें।
प्रशासनिक स्तर पर यह निर्णय ‘वोकल फॉर लोकल’ के संदेश को सशक्त करेगा, जिससे स्थानीय शिल्पकारों को रोज़गार और सम्मान दोनों मिलेंगे। बाजारों में भी स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं।
दीपावली: आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक
कलेक्टर मिश्रा ने कहा, “दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है।”
उन्होंने बताया कि जब नागरिक स्वदेशी वस्तुएं अपनाते हैं, तो इससे न केवल अर्थव्यवस्था सशक्त होती है, बल्कि ग्रामीण कारीगरों को भी जीविकोपार्जन का अवसर मिलता है।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
इस वर्ष धमतरी जिला प्रशासन ने स्वदेशी भावना और परंपरागत संस्कृति के साथ दीपावली मनाने का संकल्प लिया है, जो पर्यावरणीय दृष्टि से भी सार्थक है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे मिट्टी के दीयों का उपयोग करें, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण कम होगा और स्थानीय कारीगरों को आर्थिक सहयोग मिलेगा।
मिट्टी के दीये न केवल घरों को रोशन करते हैं बल्कि यह प्रकृति के अनुकूल भी हैं। इस पहल से ग्रीन दीपावली (Green Diwali) का संदेश भी प्रसारित होगा।
कुम्हारों के लिए विशेष व्यवस्था
धमतरी नगर निगम सहित सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि स्थानीय बाजारों में दीया विक्रेताओं के लिए स्थान निर्धारित किए जाएं, जिससे वे अपने उत्पादों को सुगमता से बेच सकें। यह व्यवस्था स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भर भारत के अभियान को भी मजबूती देगी।
‘वोकल फॉर लोकल’ की गूंज से रोशन होगा धमतरी
जिलेभर में इस दीपावली “वोकल फॉर लोकल” का संदेश गूंजेगा। प्रत्येक घर-आंगन में मिट्टी के दीये जगमगाएंगे और लोगों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति गर्व की भावना प्रबल होगी। यह अभियान न केवल संस्कृति और परंपरा को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि ग्रामीण कुम्हारों को भी आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा।
स्वदेशी दीपावली बने प्रेरणा का प्रतीक
संक्षेप में, धमतरी जिला प्रशासन ने स्वदेशी भावना और परंपरागत संस्कृति के साथ दीपावली मनाने का संकल्प लिया, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त करेगा। यह पहल “वोकल फॉर लोकल” की भावना को जन-जन तक पहुंचाएगी और मिट्टी के दीयों की उजास से स्वदेशी गर्व का प्रकाश फैलाएगी।







