वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन: धमतरी प्रशासन ने मिट्टी के दीयों को दी नई रोशनी

स्वदेशी दीपावली का अनोखा संकल्प

प्रधानमंत्री के आह्वान “वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन” से प्रेरित होकर धमतरी जिला प्रशासन ने इस बार दीपावली को स्वदेशी भावना और परंपरागत संस्कृति के साथ मनाने का निर्णय लिया है। कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने जिले के सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि दिवाली बाजारों में ग्रामीण कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीयों की बिक्री में किसी भी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो और उनसे किसी प्रकार का शुल्क न वसूला जाए।

पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा सम्मान

कलेक्टर मिश्रा ने “स्वदेशी अपनाएं, परंपरा सजाएं, वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन” स्लोगन के साथ कहा कि ये पारंपरिक कारीगर हमारी सांस्कृतिक विरासत के असली संवाहक हैं। उनके हस्तनिर्मित दीये न केवल हमारे घरों को रौशन करते हैं, बल्कि हमारी लोककला और परंपरा की पहचान भी हैं।
प्रशासन ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में मिट्टी के दीये बेचने वाले ग्रामीणों और कुम्हारों को करमुक्त व्यवस्था प्रदान करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।

विदेशी उत्पादों से बढ़ी चुनौती

पिछले कुछ वर्षों में दीपावली जैसे त्योहारों में विदेशी झालर, पटाखे और गिफ्ट आइटम ने बाजारों में अपनी जगह बना ली थी। इसके चलते देशी कारीगरों और लघु उद्योगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्थिति को देखते हुए “वोकल फॉर लोकल” अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की गई थी।

स्थानीय निकायों ने किया निर्णय का स्वागत

नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति भानु चंद्राकर और भखारा नपं अध्यक्ष ज्योति हरख जैन ने जिला प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे अपने बाजारों में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस बार दीपावली को मिट्टी के दीयों से रोशन करें और वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन की भावना को साकार बनाएं।

पर्यावरण और अर्थव्यवस्था – दोनों को लाभ

कुरुद एसडीएम नभसिंह कोसले, तहसीलदार दुर्गा साहू और भूपेश चंद्राकर ने भी नागरिकों से आग्रह किया कि वे चीनी या प्लास्टिक की झालरों की बजाय मिट्टी के दीये जलाएं।
इससे स्थानीय कुम्हारों को आर्थिक सहयोग मिलेगा और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद होगी।
यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी बल्कि दीपावली जैसे त्योहार को पर्यावरण-अनुकूल भी बनाएगी।

वोकल फॉर लोकल अभियान को मिलेगी नई दिशा

धमतरी प्रशासन की यह पहल “वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन” अभियान को जमीनी स्तर पर गति देने का उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे जहां एक ओर स्थानीय उत्पादों की पहचान बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर आम लोगों में स्वदेशी वस्तुओं के प्रति आत्मनिर्भरता की भावना भी मजबूत होगी।
इस दिशा में राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे अभियानों को आगे बढ़ा रहे हैं।

धमतरी प्रशासन का यह निर्णय न केवल ग्रामीण कारीगरों को सशक्त करेगा बल्कि लोगों को स्वदेशी संस्कृति से जोड़ने में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस दीपावली, हर घर में मिट्टी के दीये जलाकर हम सब मिलकर “वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन” के संदेश को साकार बना सकते हैं।

 

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu