महिलाओं में विटामिन-डी की कमी: जानें लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

नई दिल्ली : महिलाओं में विटामिन-डी की कमी आज एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। विटामिन-डी शरीर के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कैल्शियम या आयरन। यह हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत बनाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखता है। विटामिन-डी का मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी है, लेकिन आधुनिक जीवनशैली और घर के अंदर अधिक समय बिताने की आदत के कारण अधिकांश महिलाएं इसकी कमी से जूझ रही हैं।

☀️ विटामिन-डी क्यों जरूरी है?

विटामिन-डी हमारे शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के स्तर को संतुलित करता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत रखता है और शरीर में सूजन को कम करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में विटामिन-डी की कमी से न केवल हड्डियाँ कमजोर होती हैं, बल्कि यह थकान, अवसाद और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याओं को भी जन्म देती है।

⚠️ महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के प्रमुख लक्षण

महिलाओं में विटामिन-डी की कमी धीरे-धीरे असर दिखाती है, इसलिए इसके संकेत अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। नीचे कुछ सामान्य लक्षण बताए जा रहे हैं –

  1. लगातार थकान और कमजोरी – पर्याप्त नींद लेने के बाद भी थकान महसूस होना।

  2. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द – बिना वजह दर्द या जकड़न महसूस होना।

  3. हड्डियों की कमजोरी – बार-बार हड्डी टूटना या चोट लगना।

  4. मूड स्विंग और डिप्रेशन – विटामिन-डी की कमी मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है।

  5. नींद में समस्या – नींद का पैटर्न बिगड़ना या अनिद्रा की शिकायत होना।

🧬 महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के कारण
  • सूरज की रोशनी की कमी: धूप में कम समय बिताने से शरीर पर्याप्त विटामिन-डी नहीं बना पाता।

  • डाइट में कमी: दूध, अंडा, मछली और पनीर जैसी चीजों का सेवन न करना।

  • लाइफस्टाइल फैक्टर: घर या ऑफिस में लंबे समय तक रहना और फिजिकल एक्टिविटी का अभाव।

  • त्वचा का रंग और उम्र: गहरी त्वचा या बढ़ती उम्र में शरीर में विटामिन-डी का निर्माण कम हो जाता है।

🥗 कैसे पूरी करें विटामिन-डी की कमी

महिलाओं में विटामिन-डी की कमी से बचने के लिए सबसे आसान उपाय है — रोजाना कम से कम 20-30 मिनट धूप में रहना।
इसके अलावा आहार में इन चीजों को शामिल करें:

  • दूध और दूध से बने उत्पाद

  • अंडे की जर्दी

  • सैल्मन या टूना मछली

  • मशरूम

  • फोर्टिफाइड फूड (जैसे अनाज और सोया मिल्क)

अगर आहार और धूप से भी स्तर सामान्य नहीं होता तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेना चाहिए।

👩‍⚕️ विशेषज्ञों की राय

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर महिला को साल में कम से कम एक बार अपना विटामिन-डी स्तर जांचवाना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं और 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में इसकी कमी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकती है।
डॉक्टर बताते हैं कि विटामिन-डी और कैल्शियम का संतुलन बनाए रखना हड्डियों की मजबूती और हार्मोनल संतुलन दोनों के लिए आवश्यक है।

🧘‍♀️ लाइफस्टाइल में करें छोटे बदलाव
  • सुबह की धूप में टहलें

  • हर दिन 15-20 मिनट योग या वॉक करें

  • खानपान में कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करें

  • नशे और जंक फूड से दूरी रखें
    इन छोटे बदलावों से आप महिलाओं में विटामिन-डी की कमी जैसी समस्या से बच सकती हैं।

महिलाओं में विटामिन-डी की कमी केवल एक सामान्य समस्या नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियों की जड़ है। समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर और संतुलित जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है। सूर्य की रोशनी, संतुलित आहार और नियमित जांच के जरिए महिलाएं अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकती हैं।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu