पचपेड़ी में Agripilot.Ai वेदर स्टेशन का भूमिपूजन
कुरूद ब्लॉक के ग्राम पंचायत पचपेड़ी में बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजे किसानों की सुविधाओं और मौसम संबंधी सटीक जानकारी के लिए Agripilot.Ai वेदर स्टेशन का स्थापना एवं भूमिपूजन किया गया। इस अत्याधुनिक वेदर स्टेशन के माध्यम से किसान अब अपने मोबाइल फोन पर मिट्टी की आद्रता, तापमान, हवा का रुख, वर्षा का पूर्वानुमान और मौसम की अन्य जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा ग्राम पंचायत पचपेड़ी से लगभग पांच किलोमीटर की परिधि तक उपलब्ध होगी।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग
कार्यक्रम के दौरान ग्राम पंचायत पचपेड़ी के सरपंच श्री विनय साहू, उपसरपंच राकेश पटेल, पंचगण और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही ग्राम कृषि विभाग से ग्रामीण विस्तार अधिकारी केशद्र कुमार सोन, कल्याण सिंह ध्रुव, आदित्य मेश्राम, राखी प्रथम अरोरा और Agripilot.Ai के निदेशक एवं तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी विशेष रूप से शामिल रही। पंचायत सचिव गैंदलाल साहू, ऑपरेटर सरिता साहू, चपरासी राजेश यादव और बड़ी संख्या में ग्रामीण किसान भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
Agripilot.Ai वेदर स्टेशन से किसानों को लाभ
मौसम की सटीक जानकारी
इस वेदर स्टेशन की मदद से किसान अपने खेत की मिट्टी की नमी, तापमान, हवा की दिशा और वर्षा की संभावना जैसी जानकारी मोबाइल पर तुरंत प्राप्त कर सकेंगे।
वैज्ञानिक खेती में सहायता
Agripilot.Ai वेदर स्टेशन किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुसार फसलों की उचित देखभाल और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा। इससे किसान समय पर निर्णय ले सकेंगे और फसल की पैदावार में सुधार होगा।
डिजिटल कृषि का विस्तार
यह पहल ग्राम पंचायत पचपेड़ी में डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने वाली महत्वपूर्ण परियोजना है। कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से जुड़े कार्यक्रमों के माध्यम से किसान नई तकनीकों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भविष्य की योजनाएँ और विस्तार
ग्राम पंचायत पचपेड़ी में स्थापित यह Agripilot.Ai वेदर स्टेशन सिर्फ पांच किलोमीटर क्षेत्र में सीमित नहीं रहेगा। भविष्य में इसे अन्य नजदीकी गांवों तक भी विस्तारित करने की योजना है। इससे किसानों को समय पर मौसम संबंधी चेतावनी और कृषि-संबंधी सुझाव प्राप्त होंगे।
वेदर स्टेशन ग्राम पंचायत पचपेड़ी के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयोगी पहल साबित होगी। इससे किसान समय पर मौसम और मिट्टी की जानकारी प्राप्त कर अपने खेतों की पैदावार बढ़ा सकते हैं। इस तरह की तकनीकी पहल ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि को नई दिशा दे रही है।







