सिंधौरी कला में रक्तदान महायज्ञ का आयोजन
कुरूद ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिंधौरी कला रक्तदान महायज्ञ में आज मानवता और सेवा की अनोखी मिसाल पेश की गई। गाँव के इतिहास में यह दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया, जब यहाँ एक ऐतिहासिक रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सरपंच दुलार साहू के प्रेरक उद्बोधन और स्वयं रक्तदान से हुई। उन्होंने कहा — “इंसानियत ने धर्म, जाति और स्वार्थ की दीवारें तोड़ दीं; सच्ची संपत्ति धन नहीं, बल्कि वह बूँद है जो किसी की जान बचा सके।”
युवाओं और ग्रामीणों में जोश का माहौल
सुबह से ही युवाओं में जबरदस्त उत्साह रहा। कई युवा पहली बार रक्तदान कर रहे थे, जबकि कुछ ने वर्षों से निभाए जा रहे संकल्प को दोहराया — “जब तक साँस चलेगी, रक्त की एक-एक बूँद मानवता को समर्पित रहेगी।” गाँव का हर कोना सेवा और करुणा की भावना से गूंज उठा। महिलाएँ प्रोत्साहन में आगे रहीं, बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया, और बच्चों ने अपने भविष्य के लिए प्रेरक दृश्य देखा।
रक्तदान शिविर में उपस्थित लोग और योगदान
स्वास्थ्य और पंचायत प्रतिनिधि
शिविर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों, पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं और समाजसेवियों ने मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाया जहाँ सिंधौरी कला रक्तदान महायज्ञ का संदेश हर हृदय में उतर गया।
प्रत्येक रक्तदाता का सम्मान
प्रत्येक रक्तदाता का सम्मान किया गया और उनके योगदान के लिए धन्यवाद व्यक्त किया गया। यह आयोजन न केवल रक्तदान का प्रतीक रहा, बल्कि एकता, करुणा और जिम्मेदारी का जीवंत उदाहरण भी बना।
रक्तदान के महत्व और सामाजिक प्रभाव
जीवनदान का संदेश
रक्तदान हर व्यक्ति के जीवन में मानवता और सहानुभूति का संदेश ले आता है।सिंधौरी कला रक्तदान महायज्ञ ने यह साबित कर दिया कि सेवा ही सच्ची पूजा है। गाँव के लोगों ने मानवता और एकता का अनूठा उदाहरण पेश किया, और हर रक्तदाता ने जीवनदान देकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। इस तरह की पहल ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव और सामाजिक जागरूकता लाती है।







