DPI ने सभी जेडी और डीईओ को आदेश जारी किया: 31 अक्टूबर तक आधार अपडेट और APAAR-ID निर्माण पूरा करने का निर्देश

DPI ने सभी जेडी और डीईओ को आदेश जारी किया: आधार कार्ड अपडेट और APAAR-ID अभियान में तेजी

रायपुर । राज्य शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए DPI ने सभी जेडी और डीईओ को आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों के आधार कार्ड अपडेट और APAAR-ID (Automated Permanent Academic Account Registry) निर्माण के कार्य को तेजी से पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस विशेष अभियान को 31 अक्टूबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है।

UDISE एप्लिकेशन से मिलेगी सटीक जानकारी

शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि भारत सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सहयोग से UDISE एप्लिकेशन (Unified District Information System for Education) के माध्यम से तकनीकी समाधान लागू किया गया है। इस एप्लिकेशन की मदद से प्रत्येक विद्यालय को यह पता चल सकेगा कि किन विद्यार्थियों के Mandatory Biometric Update (MBU) अभी लंबित हैं।

इस तकनीकी सुविधा से विद्यार्थियों के डेटा की सटीकता बढ़ेगी और स्कूल स्तर पर आधार अपडेट प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। यह प्रणाली शिक्षा विभाग को एकीकृत डेटा प्रबंधन की दिशा में सशक्त बनाएगी।

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7 से 15 वर्ष तक के बच्चों को बड़ी राहत

भारत सरकार ने इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। 7 से 15 वर्ष की आयु वाले विद्यार्थियों के Mandatory Biometric Update (MBU) के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह शुल्क माफी 1 अक्टूबर 2025 से अगले एक वर्ष तक लागू रहेगी।

इस निर्णय से लाखों विद्यार्थियों को, विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में, बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने आधार कार्ड विवरण को अपडेट कराने में सुविधा मिलेगी। यह कदम सामाजिक समानता और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

स्कूलों में लगेंगे विशेष शिविर

राज्य के सभी जिलों में UIDAI (Unique Identification Authority of India) के क्षेत्रीय कार्यालयों के सहयोग से विद्यालयों में विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में विद्यार्थियों के आधार कार्ड अपडेट, फोटोग्राफी, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और APAAR-ID निर्माण का कार्य एक ही स्थान पर पूरा किया जाएगा।

जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस अभियान की निरंतर समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी छात्र इस प्रक्रिया से वंचित न रहे।

APAAR-ID क्यों है जरूरी

APAAR-ID (Automated Permanent Academic Account Registry) हर विद्यार्थी की एक विशिष्ट शैक्षणिक पहचान संख्या होगी। यह पहचान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप शिक्षा को डिजिटल रूप से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है।

APAAR-ID से छात्रों के अकादमिक रिकॉर्ड, प्रमाणपत्र, और कोर्स विवरण एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संग्रहीत होंगे। इससे विद्यार्थियों को स्कूल परिवर्तन, उच्च शिक्षा प्रवेश या रोजगार प्रक्रिया में अपने दस्तावेज़ों के सत्यापन में अत्यधिक सुविधा होगी।

CHiPS अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय

मुख्यमंत्री ने 12 अक्टूबर 2025 को आयोजित कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में CHiPS (Chhattisgarh Infotech Promotion Society) के अधिकारियों को इस अभियान में सक्रिय रूप से जोड़ा जाए। इससे तकनीकी सहयोग और डेटा प्रबंधन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी।

सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने, नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और 31 अक्टूबर तक 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कहा गया है। इस कदम से राज्य स्तर पर डेटा एकत्रीकरण और सत्यापन प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी।

राज्य सरकार की पहल से शिक्षा में डिजिटल एकीकरण

यह पूरा अभियान मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार शिक्षा प्रणाली को डिजिटल रूप से सशक्त और कागजरहित बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। DPI के इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य के सभी विद्यार्थी जल्द ही APAAR-ID के माध्यम से अपनी डिजिटल शैक्षणिक पहचान प्राप्त कर लेंगे।

संक्षेप में, DPI ने सभी जेडी और डीईओ को आदेश जारी किया है ताकि राज्य के सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों के आधार कार्ड अपडेट और APAAR-ID निर्माण का कार्य समय पर पूरा हो सके। इस पहल से शिक्षा व्यवस्था में डिजिटल पारदर्शिता, गति, और भरोसे का एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।

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Author: Bharti Sahu