कुरुद में लाखड़ी भाजी के स्वाद के साथ तय हुई क्षेत्रीय विकास की आगे की रणनीति

कुरुद। इन दिनों कुरूद की नाश्ता डिप्लोमेसी नगर में चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई है। हाल ही में स्थानीय महिला नेत्रियों द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के माध्यम से राजनीतिक संवाद को मजबूत करने की परम्परा तेजी से बढ़ी है। पहले कांग्रेस नेत्री की लंच डिप्लोमेसी और अब सत्ता पक्ष की महिला नेत्री द्वारा आयोजित नाश्ता डिप्लोमेसी ने राजनीति और सामाजिक मेलजोल को नया स्वरूप दिया है।

छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ सियासी मेलजोल का नया अंदाज़
ज्योति चन्द्राकर का भरपेट छत्तीसगढ़ी नाश्ता

मंगलवार को वंदेमातरम वार्ड में नगर पालिका अध्यक्ष एवं महिला मोर्चा विधानसभा प्रभारी ज्योति चन्द्राकर ने पत्रकारों को अपने निवास पर आमंत्रित कर विशेष नाश्ते का आयोजन किया।
इस दौरान परोसे गए व्यंजनों में शामिल थे—

  • लाखड़ी भाजी
  • नया चावल के आटे से तैयार भाजी डबका
  • देशी टमाटर, धनिया पत्ती और हरी मिर्च से बनी सिलबट्टा चटनी

इन स्वादिष्ट व्यंजनों ने नाश्ते को सिर्फ पाक कला नहीं, बल्कि कुरूद की नाश्ता डिप्लोमेसी का सशक्त उदाहरण बना दिया।

चाय पर हुई राजनीतिक और सामाजिक चर्चा

ज्योति चन्द्राकर ने बताया कि वे इस परम्परा को वर्षों से निभाती आ रही हैं।
हर शीतकाल में वे नगर के प्रमुख लोगों—पत्रकारों, प्रतिनिधियों और समाज के प्रभावी लोगों—को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद कराती हैं।

चाय पर हुई चर्चा में नगर और क्षेत्र के भविष्य से जुड़ी योजनाएँ, सामाजिक मुद्दे और राजनीतिक गतिविधियों पर विचार-विमर्श हुआ।
विधायक प्रतिनिधि भानु चन्द्राकर ने राजधानी में रहने वाले नेताओं की अनुपस्थिति में यथासंभव सभी सवालों के जवाब दिए।

यह आयोजन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कुरूद की नाश्ता डिप्लोमेसी केवल भोजन का स्वाद नहीं, बल्कि संवाद और संबंध मजबूत करने का माध्यम है।

कांग्रेस की लंच डिप्लोमेसी भी रही चर्चा में

कुछ ही दिन पहले कांग्रेस नेत्री तारणी नीलम चन्द्राकर ने अपने व्यवसायिक परिसर में छत्तीसगढ़ी भोजन का आयोजन किया था।
इस लंच में पहुँचे—

  • प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट
  • पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
  • नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत
  • कई वर्तमान एवं पूर्व विधायक
  • वरिष्ठ पार्टी नेता

उनके लिए परोसे गए पारम्परिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन—

  • ठेठरी-खुरमी
  • अरसा-पूरी
  • देशी सेमी-भाटा
  • भाजी-चटनी

कुछ ही दिनों बाद उन्हें जिला संगठन की कमान सौंप दी गई, जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि क्या कुरूद की नाश्ता डिप्लोमेसी भी ऐसी ही राजनीतिक सौगातें लेकर आएगी।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu