छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल मचाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी सोमवार सुबह भिलाई-3 के पदुम नगर स्थित उनके घर पर की गई, जहां चार गाड़ियों में सवार ईडी की टीम ने दस्तावेजों की जांच शुरू की।

ईडी की इस कार्रवाई को राज्य में हुए शराब घोटाले, कोल लेवी घोटाले और महादेव सट्टा ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से जोड़ा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, इस छापेमारी के दौरान ईडी की टीम ने भिलाई में चैतन्य बघेल से जुड़े अन्य ठिकानों के साथ-साथ राज्य में कई अन्य व्यापारियों और नेताओं के परिसरों पर भी दबिश दी।

सूत्रों के मुताबिक, दुर्ग-भिलाई में कई अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर भी ईडी की छापेमारी चल रही है। इनमें भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, दुर्ग स्थित किशोर राइस मिल के कमल अग्रवाल, सहेली ज्वेलर्स के सुनील अग्रवाल और बिल्डर अजय चौहान के यहां भी कार्रवाई की गई। इस दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है।

ईडी की इस छापेमारी के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब कोर्ट में बर्खास्त कर दिया गया, तब ईडी ने मेरे घर पर दबिश दी। इस षड्यंत्र से कोई कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, लेकिन यह गलतफहमी है।”

इस छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। 570 करोड़ रुपये के कोल लेवी घोटाले में पहले ही आईएएस अधिकारियों और माइनिंग विभाग से जुड़े अफसरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब कांग्रेस नेताओं और कारोबारियों के ठिकानों पर हो रही जांच से राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

ईडी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस पार्टी आक्रामक मुद्रा में दिख रही है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया जा रहा है। वहीं, भाजपा ने इसे कानून के अनुसार की गई कार्रवाई बताया है। अब इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं, यह देखने योग्य होगा।

 

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Author: Arpa News 36