कुरूद। शासन के निर्देशानुसार इस वर्ष भी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश उत्सव बड़ी ही भव्यता के साथ मनाया गया। यह समारोह सेजेस चर्रा विद्यालय परिसर में आयोजित किया गया, जहाँ नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं का तिलक वंदन कर, उन्हें गुलदस्ते भेंट कर एवं मुँह मीठा करा विद्यालय में विधिवत प्रवेश दिलाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह और अभिभावकों में विश्वास को प्रबल करना।
मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस विशेष अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री नीलम चंद्राकर जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष श्री रिखीराम साहू, सरपंच श्रीमती कमलेश्वरी ध्रुव, उपसरपंच श्रीमती ललिता यादव, सहकारी समिति चर्रा के अध्यक्ष श्री रामकुमार साहू, पूर्व अध्यक्ष श्री भानुप्रताप बैस, सांसद प्रतिनिधि श्री राजेश साहू और पंच श्रीमती बैस मंचासीन रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य श्री देवेंद्र कुमार दादर ने की, जिनके मार्गदर्शन में पूरे आयोजन का समन्वय हुआ।
आत्मानंद स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता पर ज़ोर
अपने उद्बोधन में श्री नीलम चंद्राकर ने शिक्षा और शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मानंद स्कूल में प्रवेश उत्सव जैसे आयोजनों से बच्चों में शिक्षा के प्रति आत्मीयता बढ़ती है। उन्होंने विद्यालय में दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सराहा और सभी को इसके लिए बधाई दी।
श्री रिखीराम साहू ने कहा कि एक अच्छा शिक्षक और उत्साही छात्र मिलकर ही किसी विद्यालय को गौरव प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे लक्ष्य बनाकर समर्पित रूप से कार्य करें।
वहीं, रामकुमार साहू ने विश्वास जताया कि इस सत्र में नए प्राचार्य और नवप्रवेशी बच्चों के साथ विद्यालय का वातावरण और अधिक समृद्ध होगा।
वृक्षारोपण अभियान – “एक पेड़ माँ के नाम”
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य ने सभी अतिथियों को फलदार एवं फूलदार पौधे भेंट स्वरूप दिए। उन्होंने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत अनुरोध किया कि सभी लोग पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण और मातृ सम्मान का संदेश फैलाएँ।
सांस्कृतिक प्रस्तुति और आयोजन
कार्यक्रम में मंच संचालन छात्रा गोनिका बैस ने शिक्षिका नम्रता राजपूत के मार्गदर्शन में कुशलतापूर्वक किया। इस अवसर पर श्री खुमान साहू, गोकुल दीवान, दुष्यंत देवांगन, मोहनलाल, सुमन चंद्राकर, गरिमा साहू, मेनका वर्मा, मीना साहू समेत अनेक शिक्षकों, पंचायत प्रतिनिधियों और अभिभावकों की उपस्थिति रही।
आत्मानंद स्कूल में प्रवेश उत्सव का महत्व
आत्मानंद स्कूल में प्रवेश उत्सव न केवल बच्चों का स्वागत है, बल्कि शिक्षा के प्रति सामुदायिक सहभागिता को भी दर्शाता है। ऐसे आयोजन स्कूल और समाज के बीच सेतु का कार्य करते हैं। यह पहल बच्चों के मन में विद्यालय के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को जन्म देती है, जिससे उनका शैक्षणिक विकास भी सुनिश्चित होता है।
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आत्मानंद स्कूल में प्रवेश उत्सव एक ऐसा सकारात्मक प्रयास है, जो नन्हें बच्चों के लिए विद्यालय की शुरुआत को यादगार बनाता है। इस आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए शासन, प्रबंधन, शिक्षक और समाज – सभी मिलकर प्रयासरत हैं। आने वाले वर्षों में भी इस परंपरा को और अधिक प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
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