रायपुर : छत्तीसगढ़ में शिक्षक संवर्ग के क्रमोन्नति मामले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां यह मामला अदालत में लंबित है, वहीं दूसरी ओर चंदा वसूली को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच एवं शिक्षक एलबी संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कुछ शिक्षकों द्वारा अवैध रूप से चंदा वसूलने की शिकायत की है।
शिकायत में लगाए गंभीर आरोप
जाकेश साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव सहित कई अधिकारियों को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि एक समिति बनाकर शिक्षकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन चंदा वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के सोना साहू मामले में आंशिक जीत के बाद शिक्षकों को गुमराह कर करीब 20 लाख रुपये एकत्रित किए गए हैं। यह राशि व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए साझा किए गए खाते में जमा कराई जा रही है।
अवैध वसूली पर उठाए सवाल
शिकायत में साहू ने कई सवाल उठाए—
-
क्या इस प्रकार से अवैध चंदा वसूली के लिए राज्य सरकार से अनुमति ली गई है?
-
क्या शासन-प्रशासन को इस अवैध फंडिंग की जानकारी है?
-
क्या कोई लोक सेवक इस तरह से आम शिक्षकों से कोर्ट केस के नाम पर धन उगाही कर सकता है?
उन्होंने इस मामले की गहन जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सर्व शिक्षक एलबी कल्याण समिति का पलटवार
वहीं, सर्व शिक्षक एलबी कल्याण समिति ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह चंदा वसूली नहीं, बल्कि साझा लड़ाई के लिए सहायता राशि है। समिति ने सफाई देते हुए कहा कि—
-
शिक्षक अपनी कानूनी लड़ाई के लिए स्वेच्छा से सहयोग राशि दे रहे हैं।
-
किसी भी शिक्षक पर चंदा देने का दबाव नहीं डाला गया है।
-
राशि समिति के अधिकृत खाते में जमा हुई है, किसी व्यक्ति के खाते में नहीं।
-
सरकार से पंजीकरण के बाद ही समिति का गठन किया गया था।
समिति ने यह भी कहा कि यह पूरा विवाद क्रमोन्नति की लड़ाई को कमजोर करने की साजिश हो सकता है।
सरकार करेगी जांच?
इस पूरे विवाद के बाद अब सरकार की भूमिका अहम हो गई है। यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, यदि समिति के दावे सही साबित होते हैं, तो यह मामला शिक्षकों के अधिकारों की लड़ाई के नाम पर गलतफहमी साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है।
