⚖️ अधिवक्ता संघ कुरुद की मासिक बैठक में सुलभ न्याय पर विशेष जोर
अधिवक्ता संघ कुरुद की मासिक बैठक का आयोजन 18 जुलाई को भखारा तहसील सभागार में किया गया। इस बैठक का उद्देश्य न केवल अधिवक्ताओं की समस्याओं को समझना और हल करना था, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को सस्ता और सुलभ न्याय कैसे दिलाया जा सके, इस पर गहन विचार करना भी था।
बैठक में संघ अध्यक्ष रमेश पांडेय ने अधिवक्ताओं को समाज का विद्वान वर्ग बताते हुए उनकी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं को पक्षकारों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए उन्हें शीघ्र न्याय दिलाने में सहयोग करना चाहिए।
🎯 बैठक का उद्देश्य और महत्व
💼 अधिवक्ताओं की भूमिका पर चर्चा
बैठक में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि अधिवक्ता केवल न्यायालय में बहस करने वाले पेशेवर नहीं, बल्कि समाज को न्याय दिलाने वाले अहम स्तंभ हैं।
⚖️ पक्षकारों को शीघ्र न्याय दिलाने का संकल्प
बैठक में निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता अपने कार्यों में अधिक संवेदनशील और सजग रहकर पक्षकारों की समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करेंगे।
🧑⚖️ बैठक की अध्यक्षता और प्रमुख वक्ता
🗣️ अध्यक्ष रमेश पांडेय का मार्गदर्शन
रमेश पांडेय ने अधिवक्ताओं से अपील की कि वे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दें और अपने अनुभवों का उपयोग जनहित में करें।
🤝 अन्य अधिवक्ताओं का योगदान
बैठक में हेमंत साहू, विश्वेश्वर साहू, एकनाथ साहू, रामखिलावन लहरी, बलदाऊ साहू, अश्वनी चंद्राकर जैसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए।
📚 न्यायिक प्रणाली में अधिवक्ताओं की भूमिका
🧠 समाज में अधिवक्ताओं की जिम्मेदारी
समाज में जब भी कोई न्याय की बात करता है, तो अधिवक्ता ही पहले ज़हन में आते हैं। उनका कार्य सिर्फ वकालत नहीं, बल्कि जनकल्याण भी है।
🔍 न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने की पहल
बैठक में चर्चा हुई कि कैसे कानूनी प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और आम जनता के लिए सुलभ बनाया जा सकता है।
📋 उपस्थित अधिवक्ताओं की सूची
बैठक में निम्न अधिवक्ता उपस्थित रहे:
हेमंत साहू, विश्वेश्वर साहू, एकनाथ साहू, जितेंद्र तेलाशी, रामखिलावन लहरी, बलदाऊ साहू, तोरण साहू, खेमन निर्मलकर, अश्वनी चंद्राकर, मगेंद्र साहू, ओमेश तेलाशी, धामु साहू, शेखर मानिकपुरी, गणपत साहू, गिरधर साहू, देवीलाल साहू, प्रदीप साहू।
अधिवक्ताओं की समस्याएं और समाधान
पेशेवर चुनौतियों पर चर्चा
बैठक में वकालत पेशे से जुड़ी कई समस्याओं जैसे न्यायिक देरी, संसाधनों की कमी और डिजिटलकरण के मुद्दों पर भी विचार किया गया।
🧩 संगठनात्मक संरचना और सहयोग
संघ के सदस्यों ने आपसी सहयोग बढ़ाने और युवा अधिवक्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
