अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का बजट 75 करोड़, विकास कार्य होंगे तेज
रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में जांजगीर-चांपा जिले के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया। प्राधिकरण के बजट को 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों को सभी कलेक्टर गंभीरता से लें और उन्हें उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करें।
वर्ष में समय पर होगी बैठक और गहन समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक हर वर्ष समय पर आयोजित होगी और कार्यों की गहन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने संविधान की मंशा के अनुरूप अनुसूचित जाति समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
संवैधानिक अधिकार और सामाजिक समानता पर जोर
मुख्यमंत्री ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का संकल्प लेते हुए कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के ‘मनखे-मनखे एक समान’ संदेश को आत्मसात कर समाज में सम्मान और समानता की भावना को और सशक्त किया जा रहा है।
जांजगीर-चांपा को चुने जाने का कारण
उन्होंने कहा कि इस बैठक के लिए जांजगीर-चांपा का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यह अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है। राज्य अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और यह समय है नए विकास कीर्तिमान स्थापित करने का।
नए विकास कार्यों की घोषणाएं
बैठक में मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
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गिरौधपुरी धाम के विकास के लिए 2 करोड़ रुपये
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अजा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु कोचिंग व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपये
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हर वर्ष 5 युवाओं को पायलट प्रशिक्षण हेतु सहायता
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जोड़ा जैतखंभ में लकड़ी के उपयोग हेतु स्वीकृति
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दिल्ली स्थित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटें 200 तक बढ़ाना
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सभी जिला मुख्यालयों में ‘नालंदा परिसर’ का निर्माण
लंबित कार्यों पर नाराज़गी और चेतावनी
मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों के वर्षों से लंबित रहने पर गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि भले ही बजट सीमित हो, लेकिन इन कार्यों का सामाजिक महत्व बहुत बड़ा है, और समय पर पूरा न होना चिंता का विषय है।
उप मुख्यमंत्री और प्राधिकरण उपाध्यक्ष का योगदान
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अनुसूचित जाति समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य हो रहा है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब ने समाज के हित में किए जा रहे कार्यों के लिए आभार व्यक्त करते हुए नई मांगें रखीं, जैसे गिरौधपुरी धाम में रोपवे, मेला सुविधाओं का विस्तार और ऐतिहासिक तालाबों का संरक्षण।
49 करोड़ रुपये के नए विकास कार्यों को मंजूरी
बैठक में प्राधिकरण के स्वरूप, कार्यक्षेत्र और 2020 से 2025 तक की प्रगति की समीक्षा की गई। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों के आधार पर 49 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से विकास और हितग्राही मूलक कार्यों को मंजूरी दी गई।
अनुसूचित जाति बाहुल्य जिलों का कवरेज
प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र पूरे राज्य में है, जिसमें 17 प्रमुख अनुसूचित जाति बाहुल्य जिले शामिल हैं, जैसे जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, महासमुंद, राजनांदगांव और अन्य, जिनमें अनुसूचित जाति जनसंख्या 25% से अधिक है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के बजट को 75 करोड़ तक बढ़ाने का निर्णय छत्तीसगढ़ में सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि अनुसूचित जाति समुदाय के जीवन स्तर में भी बड़ा सुधार होगा।
