नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) AU स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए कई मायनों में सकारात्मक रहा है। इस दौरान बैंक की लोनबुक में 20% की मजबूत ग्रोथ देखने को मिली, जबकि डिपॉजिट ग्रोथ लोन ग्रोथ से भी तेज़ रही। बैंक की बैलेंसशीट पहले से कहीं ज्यादा मजबूत नजर आ रही है।
प्रमुख बिंदु:
-
मार्जिन में FY25 की चौथी तिमाही में थोड़ी नरमी आई, लेकिन साल भर स्थिरता बनी रही।
-
क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो संतुलित रहा।
-
बैंक ने प्रोविजनिंग बढ़ाकर एसेट क्वालिटी को संभालने का प्रयास किया, जिससे ग्रॉस NPA 2.28% और नेट NPA 0.74% पर आ गया।
-
FY25 में रिटेल अनसेक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी भी घटकर 8.6% पर आ गई, जो पहले 12.2% थी।
हालांकि CASA (Current Account Savings Account) में गिरावट आई है और FY25 के अंत में यह घटकर 29.2% पर आ गया, जो FY24 में 33% था। इसका एक कारण ज्यादा ब्याज दरों वाले टर्म डिपॉजिट और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में तेजी रहा है।
एसेट क्वालिटी और आगे की रणनीति:
बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार साफ नजर आ रहा है। कुछ राइट-ऑफ करने के बाद भी बैंक की स्थिति बेहतर हुई है। हालांकि क्रेडिट कॉस्ट अब भी ऊंची बनी हुई है, खासकर माइक्रोफाइनेंस और क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में।
मैनेजमेंट को उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में मार्जिन में सुधार होगा और माइक्रोफाइनेंस से जुड़े NPA का मसला भी हल हो जाएगा। इसके चलते बैंक 1.8% RoA का लक्ष्य हासिल कर सकता है।
शेयर बाजार में जोरदार उछाल:
23 अप्रैल को AU बैंक के शेयरों में 5.45% की तेजी दर्ज की गई और स्टॉक ₹647 तक पहुंच गया। हालांकि बीते 6 महीनों में इसने कोई खास रिटर्न नहीं दिया, लेकिन 2025 में अब तक यह 14% का रिटर्न दे चुका है। स्टॉक अब भी अपने ऑल टाइम हाई से नीचे ट्रेड कर रहा है, जिससे इसमें रीरेटिंग की संभावनाएं नजर आती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह:
विशेषज्ञों का मानना है कि AU बैंक में दीर्घकालिक दृष्टिकोण से धीरे-धीरे निवेश बढ़ाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, खासकर अगर इसे यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस मिल जाता है, जैसा कि मैनेजमेंट को उम्मीद है।
