बालोद खाद संकट: किसानों ने NH-930 पर किया चक्का जाम, प्रशासन के खिलाफ फूटा गुस्सा

बालोद खाद संकट गहराने के साथ ही किसानों का गुस्सा अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है। बालोद जिले के 14 गांवों के सैकड़ों किसान और ग्रामीण सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-930 पर कुसुमकसा गांव के पास धरने पर बैठ गए और चक्का जाम कर दिया। आंदोलन की वजह से राजनांदगांव-बालोद-भानुप्रतापपुर मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है।

खेत सूने, गोदाम खाली – किसानों की परेशानी चरम पर

किसानों का कहना है कि वे लगातार प्रशासन से खाद उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। धान की बोवाई का समय निकलता जा रहा है और खाद नहीं मिलने से फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है। बालोद खाद संकट के कारण खेत सूने पड़े हैं और गोदामों में खाद का स्टॉक खत्म हो चुका है।

NH-930 गूंजा किसानों के नारों से

किसानों ने धरना स्थल पर जमकर नारेबाजी की। “खाद दो, वरना रास्ता बंद रहेगा” जैसे नारों से पूरा हाईवे गूंज उठा। आंदोलन के कारण NH-930 पर दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे आम जनता को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

प्रशासन मौके पर पहुंचा, समाधान की कोशिश जारी

जैसे ही यह खबर प्रशासन तक पहुंची, पुलिस बल और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने किसानों से संवाद शुरू किया है और उन्हें आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। प्रशासन की कोशिश है कि हाईवे को खुलवाया जाए और स्थिति सामान्य की जाए।

किसानों की मांग: तुरंत मिले खाद की आपूर्ति

किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक खाद की आपूर्ति नहीं होती, वे बालोद खाद संकट को लेकर धरना समाप्त नहीं करेंगे।

खाद संकट से बढ़ रही फसल बर्बादी की आशंका

बालोद जिले में लगातार हो रही बारिश के बीच धान की बोवाई का समय निकल रहा है। अगर समय पर खाद नहीं मिला तो फसल की पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि यह संकट यदि जल्द खत्म नहीं हुआ तो आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा पर भी असर हो सकता है।

बालोद खाद संकट ने जिले के किसानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। NH-930 पर चक्का जाम और प्रदर्शन प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अब ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। किसानों का कहना है कि जब तक खाद की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu