रायपुर : बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा परिवर्तन ला रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में यह पहल बस्तर के अस्पतालों को डिजिटल युग में ले आई है, जिससे मरीजों को बेहतर, पारदर्शी और समयबद्ध चिकित्सा सेवाएं मिल रही हैं।
डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
बस्तर के छह जिला चिकित्सालय, दो सिविल अस्पताल और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली से जुड़ चुके हैं। इसके तहत:
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ओपीडी पंजीकरण
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परामर्श और जांच
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दवा वितरण
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डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड
सभी सेवाएं अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हैं।
आंकड़ों में डिजिटल सफलता
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जिला चिकित्सालय बस्तर (मई-जुलाई 2025):
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कुल ओपीडी पंजीकरण: 60,045
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आभा लिंक पंजीकरण: 32,379 (53%)
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जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा:
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कुल ओपीडी पंजीकरण: 33,895
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आभा लिंक पंजीकरण: 13,729 (40%)
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ये आंकड़े बताते हैं कि मरीज डिजिटल पंजीकरण को तेजी से अपना रहे हैं, जिससे अस्पतालों में भीड़ और समय की बर्बादी कम हो रही है।
तकनीकी नवाचार और मरीजों को लाभ
आभा कियोस्क, स्कैन-एंड-शेयर सुविधा और ऑनलाइन पंजीकरण ने लंबी कतारों से छुटकारा दिलाया है। मरीज अपने डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड को देश के किसी भी हिस्से से एक्सेस कर सकते हैं, जिससे उपचार की निरंतरता बनी रहती है।
सरकार का दृष्टिकोण और भविष्य की योजना
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल क्रियान्वयन पूरे प्रदेश के लिए एक मॉडल है। जल्द ही यह प्रणाली राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि यह पहल केवल डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा से जोड़ने का सशक्त माध्यम है
बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का सफल कार्यान्वयन यह साबित करता है कि तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। यह पहल न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए “स्वस्थ और सशक्त” भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
