नई दिल्ली । बस्तर ओलंपिक अब खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के रूप में होगा आयोजित, यह घोषणा छत्तीसगढ़ के खेल और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री मनसुख मांडविया से मुलाकात कर इस पहल को आगे बढ़ाया। यह निर्णय न केवल जनजातीय युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेल संस्कृति को भी वैश्विक मंच पर स्थापित करेगा।
खेल और स्वास्थ्य शिक्षा में नई दिशा
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में रायपुर और बिलासपुर में 220-बेड के मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने इस पर सकारात्मक निर्णय लेकर आवश्यक स्वीकृति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का आश्वासन दिया।
खेल अधोसंरचना को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (LNIPE) का क्षेत्रीय केंद्र छत्तीसगढ़ में स्थापित करने की भी मांग की। साथ ही, राज्य में खेल अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए नए स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना पर जोर दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने इन सभी मांगों पर भी शीघ्र स्वीकृति का आश्वासन दिया।
खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स का महत्व
बस्तर ओलंपिक अब खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के रूप में होगा आयोजित यह पहल जनजातीय युवाओं की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही, पारंपरिक खेलों और संस्कृति को नई ऊर्जा मिलेगी। इस आयोजन से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ेगी और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में खेल और स्वास्थ्य शिक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। बस्तर ओलंपिक अब खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के रूप में होगा आयोजित, यह न केवल राज्य की खेल संस्कृति को मजबूत करेगा, बल्कि जनजातीय युवाओं को भी नई पहचान देगा। आने वाले वर्षों में यह आयोजन छत्तीसगढ़ को खेल जगत में एक नई पहचान दिला सकता है।
