भारतमाला परियोजना भूमि घोटाला: सिवनीकला के ग्रामीणों का बड़ा आरोप

कुरुद । भारतमाला परियोजना भूमि घोटाला को लेकर धमतरी जिले के सिवनीकला गांव में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस बहुप्रतीक्षित सड़क परियोजना के तहत अधिग्रहित जमीन पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीणों का आरोप: फर्जी नामांतरण और बटांकन से लाभ

बुधवार को बड़ी संख्या में सिवनीकला गांव के लोग धमतरी कलेक्ट्रेट पहुंचे और भारतमाला परियोजना भूमि घोटाला से जुड़े दस्तावेज अधिकारियों को सौंपे। उन्होंने बताया कि 1 मई 2019 को शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण का प्रकाशन किया गया था। इस दौरान कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने पटवारी की मिलीभगत से फर्जी नामांतरण और बटांकन कराकर बड़ी मात्रा में मुआवजा प्राप्त किया।

ग्रामीणों ने दावा किया कि एक-एक एकड़ की जमीन को फर्जी तरीके से बांटकर 18 लाख रुपये के बजाय 1 करोड़ रुपये तक का मुआवजा ले लिया गया।

भू-माफिया और अधिकारी गठजोड़

पूर्व सरपंच ईश्वरलाल साहू और ग्राम मेडरका के निर्मल साहू ने बताया कि अधिकारियों और भू-माफियाओं के गठजोड़ से भारतमाला परियोजना भूमि घोटाला को अंजाम दिया गया है। एक व्यक्ति ने पत्नी के नाम पर मात्र 20,000 रुपये में दान पत्र बनवाकर बड़ी राशि का मुआवजा हासिल किया। ग्रामीणों का आरोप है कि राजस्व अभिलेखों में खसरा नंबर एक होने के बावजूद जमीन को अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर अवैध लाभ उठाया गया है।

राजनैतिक संरक्षण का आरोप

जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता नीलम चंद्राकर ने कहा कि सत्तापक्ष के एक बड़े नेता के संरक्षण में यह घोटाला हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिवनीकला के 90 से अधिक किसान इससे प्रभावित हुए हैं और अब तक की गई शिकायतों पर प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है।

दस्तावेजों के साथ शिकायत

ग्रामीणों ने RTI के तहत प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर शिकायत दर्ज कराई है, जिनमें स्पष्ट रूप से नामांतरण और मुआवजा वितरण में गड़बड़ी दर्शाई गई है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी जांच और कार्यवाही की जाए।

जन आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने कहा कि यदि प्रशासन 15 दिनों के भीतर भारतमाला परियोजना भूमि घोटाला में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई नहीं करता है, तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने प्रशासन पर जानबूझकर मामले को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।

भारतमाला परियोजना भूमि घोटाला न केवल सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग है, बल्कि ग्रामीणों के विश्वास के साथ भी छल है। यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घोटाला राज्य में एक बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दा बन सकता है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu