भारतमाला मुआवजा घोटाला कुरूद विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों एक प्रमुख राजनीतिक और जनचर्चा का विषय बन गया है। मामला तब चर्चा में आया जब ग्राम सिवनीकला के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज से मिलकर इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की।
भारतमाला परियोजना और मुआवजा विवाद की पृष्ठभूमि
भारत सरकार की भारतमाला परियोजना देशभर में सड़कों का मजबूत नेटवर्क तैयार करने की एक प्रमुख योजना है। इस परियोजना के तहत ज़मीन अधिग्रहण किया जाता है, और प्रभावित ग्रामीणों को इसके बदले उचित मुआवजा दिया जाता है। लेकिन भारतमाला मुआवजा घोटाले में आरोप है कि कुरूद क्षेत्र के कई गांवों, विशेष रूप से सिवनीकला, में मुआवजा वितरण में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं।
भारतमाला परियोजना के बारे में अधिक जानें (Wikipedia)
कांग्रेस नेताओं के सख्त बयान
कांग्रेस नेताओं ने इस घोटाले को जनता के साथ विश्वासघात बताया और चेतावनी दी कि यदि तत्काल जांच नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़कों से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।
📢 भूपेश बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़):
“यह सिर्फ मुआवजे का घोटाला नहीं, किसानों की उम्मीदों की लूट है। यदि सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो हम जनआंदोलन छेड़ेंगे। किसी भी दोषी को बचने नहीं दिया जाएगा, हम सदन से लेकर सड़क तक सभी पीड़ितों के साथ है।”
📢 डॉ. चरणदास महंत(नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा छत्तीसगढ़):
“हर बार आरोपी बच निकलते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। हम इस मामले को विधानसभा में पुरज़ोर तरीके से उठाएंगे और ज़रूरत पड़ी तो यह मामला संसद में भी ज्योत्स्ना महंत जी द्वारा उठाया जाएगा।”
📢 दीपक बैज (अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़):
“हम विधानसभा, राज्यसभा और लोकसभा—हर मंच पर लड़ाई लड़ेंगे। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर ज़रूरत पड़ी तो हम उसी सड़क पर पदयात्रा भी करेंगे लेकिन किसानो के साथ हुए इस अन्याय को हम बर्दास्त नहीं करेंगे। “
स्थानीय नेतृत्व की भूमिका
केवल शीर्ष नेतृत्व ही नहीं, कुरूद के स्थानीय कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी इस मामले में बेहद सक्रिय हैं। प्रतिनिधिमंडल में छाया विधायक श्रीमती तारिणी नीलम चंद्राकर, युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मिलन साहू, पूर्व सरपंच ईश्वर साहू, उपसरपंच कुलेश्वर साहू सहित कई जागरूक ग्रामीण शामिल थे। इन्होंने रायपुर जाकर शीर्ष नेताओं को ज्ञापन सौंपा और तत्काल जांच की मांग की।
हर बार आरोपी क्यों बचते हैं?
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि कुरूद में पहले भी ऐसे घोटाले सामने आए हैं, लेकिन हर बार आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण मिल जाता है। इस बार जनता और विपक्ष दोनों गंभीर हैं और सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
अब क्या होगा?
यदि सरकार ने समय रहते जांच शुरू नहीं की, तो कांग्रेस ज़िला स्तर से लेकर राजधानी तक व्यापक आंदोलन शुरू करेगी। यह मामला किसानों के हक और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ा है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो इसका सीधा असर आगामी चुनावों पर देखने को मिल सकता है।
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भारतमाला मुआवजा घोटाला न केवल एक आर्थिक अपराध है, बल्कि यह सरकारी तंत्र और प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कांग्रेस के नेता और स्थानीय कार्यकर्ता इस मामले को हर स्तर पर उठाने को तैयार हैं। यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह घोटाला छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
