भाठागांव धान भंडारण केन्द्र में अव्यवस्था: कीचड़ से धान उठाव ठप, बारिश में गुणवत्ता पर संकट

कुरुद । भाठागांव धान भंडारण केन्द्र में व्याप्त अव्यवस्था और बारिश के चलते समर्थन मूल्य पर खरीदे गए सरकारी धान की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। मिलर्स धान उठाने को तैयार हैं, लेकिन फड़ तक जाने वाले रास्तों में गहरे कीचड़ और दलदल के कारण ट्रक फंस रहे हैं। प्रशासन से कई बार समाधान की मांग के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।

धान उठाव में दलदल बनी सबसे बड़ी बाधा

भाठागांव धान भंडारण केन्द्र में कुरुद क्षेत्र की विभिन्न सोसाइटियों से खरीदे गए हजारों क्विंटल धान रखा गया है। लेकिन इस बार अधिकारियों ने फड़ क्रमांक दो में धान ऐसी जगह रखा है जहाँ बरसात में वाहन पहुंचना लगभग असंभव है।
पिछले कुछ हफ्तों में कई ट्रक रास्ते में फंस चुके हैं, जिन्हें क्रेन और जेसीबी की मदद से निकालना पड़ा। मिलर्स का कहना है कि जब तक रास्ते का स्थायी समाधान नहीं होता, धान उठाव दीपावली के बाद ही संभव हो पाएगा।

गुणवत्ता में तेजी से गिरावट

कुरूद राइस मिल एसोसिएशन के संरक्षक अनिल चंद्राकर ने बताया कि बारिश के कारण धान की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आ रही है। भीगने और लंबे समय तक खुले में पड़े रहने से धान में फफूंद और नमी बढ़ रही है, जो चावल की गुणवत्ता पर सीधा असर डाल रही है।

मिलर्स पर दबाव लेकिन समस्या जस की तस

एसोसिएशन अध्यक्ष हितेन्द्र केला ने कहा कि मार्कफेड ने कुछ समय पहले रास्ता मरम्मत करवाया था, लेकिन बारिश में वह पूरी तरह ध्वस्त हो गया। अब दलदल इतनी गंभीर हो चुकी है कि ट्रक का आना-जाना नामुमकिन हो गया है। इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा मिलर्स पर धान उठाव का दबाव बनाया जा रहा है, जो उनके अनुसार अनुचित है।

एफसीआई से तत्काल निरीक्षण की मांग

मिलर्स का सुझाव है कि प्रशासन एफसीआई के माध्यम से तुरंत निरीक्षण कराए और केवल अच्छी गुणवत्ता वाला धान ही उन्हें आवंटित करे। ऐसा होने पर मिलर्स समय पर चावल बनाकर एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम को दे सकते हैं।
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स्थायी समाधान की जरूरत

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या हर साल बरसात में दोहराई जाती है। अगर भाठागांव धान भंडारण केन्द्र तक जाने वाला रास्ता पक्का और ऊंचा बना दिया जाए तो भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है।

भाठागांव धान भंडारण केन्द्र की अव्यवस्था न केवल धान उठाव को बाधित कर रही है, बल्कि सरकारी अनाज की गुणवत्ता को भी खतरे में डाल रही है। अगर जल्द समाधान नहीं किया गया तो भारी मात्रा में धान खराब होने की आशंका है। समय रहते प्रशासन को दलदल और कीचड़ की समस्या दूर कर स्थायी समाधान करना होगा, ताकि भाठागांव धान भंडारण केन्द्र की स्थिति सुधर सके।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu