बीजापुर में माओवादी डिप्टी कमांडर ढेर: सुरक्षाबलों की रणनीति और साहस का नतीजा

रायपुर : बीजापुर में माओवादी डिप्टी कमांडर ढेर होने की खबर ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक नई उम्मीद जगा दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस निर्णायक कार्रवाई के लिए सुरक्षाबलों की सटीक रणनीति, अदम्य साहस और जनता की सहभागिता की सराहना की है। यह ऑपरेशन बस्तर के बीजापुर जिले में अंजाम दिया गया, जिसमें PLGA बटालियन के 8 लाख के इनामी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना को न्यूट्रलाइज किया गया।

नक्सलमुक्त भारत की ओर एक और कदम

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सल उन्मूलन के इस मिशन को निर्णायक दौर में बताया। बीजापुर में माओवादी डिप्टी कमांडर ढेर होना इस दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

ऑपरेशन की विशेषताएं
1. सुरक्षाबलों की रणनीति
  • गुप्त सूचना के आधार पर घेराबंदी

  • जंगल क्षेत्र में हाई-टेक उपकरणों का उपयोग

  • बिना किसी नुकसान के मिशन को अंजाम देना

2. जनसहभागिता की भूमिका
  • स्थानीय ग्रामीणों से मिली महत्वपूर्ण सूचनाएं

  • विश्वास और सहयोग की भावना ने किया समर्थन

  • विकास कार्यों में जनभागीदारी से मिला मनोबल

माओवादियों की कमजोर होती पकड़

बीजापुर में माओवादी डिप्टी कमांडर ढेर होने की यह घटना स्पष्ट करती है कि नक्सली संगठनों की ताकत अब पहले जैसी नहीं रही। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुरक्षाबलों की सख्त और निरंतर कार्रवाई ने माओवादियों की रीढ़ तोड़ दी है। अब नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है।

मुख्यमंत्री का भविष्य का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में लोकतंत्र, विश्वास और प्रगति की विजय सुनिश्चित होगी। बीजापुर में माओवादी डिप्टी कमांडर ढेर होना इस लड़ाई में सुरक्षाबलों के पराक्रम का एक प्रतीक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पूरी दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाएगी।

बीजापुर में माओवादी डिप्टी कमांडर ढेर होना छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षाबलों की संयुक्त रणनीति का नतीजा है। यह घटना इस बात का संकेत है कि राज्य अब नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक बढ़त हासिल कर चुका है और लोकतंत्र की जीत सुनिश्चित है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu