कुरूद : भाजपा महिला मोर्चा ने पुलिस को राखी बांधी—इस अनोखी पहल ने रक्षाबंधन के पर्व को एक नया सामाजिक और भावनात्मक आयाम दे दिया है। भखारा मंडल की महिला कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस थाने में जाकर वहां तैनात पुलिस जवानों को राखी बांधते हुए उनकी सुरक्षा और दीर्घायु की कामना की।
इस अवसर पर पुलिसकर्मियों ने भी बहनों को सुरक्षा का वचन देते हुए अपने दायित्व को भावनात्मक रूप से और सशक्त किया। यह आयोजन रक्षाबंधन के पारंपरिक अर्थ को नई ऊर्जा और सामाजिक संवेदना के साथ जोड़ता है।
भावनात्मक पहल: भाई-बहन के रिश्ते को सुरक्षा का वचन
महिला मोर्चा की बहनों ने बांधी राखी
नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति हरख जैन, जनपद सभापति सिन्धु बैस, पूर्णिमा साहू, सवीता गंजीर, खिलेश्वरी निषाद समेत महिला मोर्चा की बहनों ने भखारा थाना जाकर पुलिस जवानों की कलाई पर राखी बांधी। मिठाई खिलाकर उन्होंने स्नेह और सम्मान का इज़हार किया।
पुलिस कर्मियों ने निभाया भाई धर्म
इस अवसर पर थाना प्रभारी (टीआई) समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने बहनों को सुरक्षा देने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि “हर बहन की रक्षा हमारा कर्तव्य है” और इस भावनात्मक पल ने उन्हें भावविभोर कर दिया।
आयोजन की विशेष झलकियां
नगर पंचायत अध्यक्ष और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
समारोह में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजनों से पुलिस और समाज के बीच विश्वास की दीवार और मजबूत होती है।
मिठाई, मुस्कान और आत्मीयता का संगम
पूरे माहौल में मिठास, आत्मीयता और सेवा का भाव देखने को मिला। महिला कार्यकर्ताओं ने राखी के साथ एक ऐसा संदेश दिया जो समाज में सुरक्षा, विश्वास और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है।
सामाजिक समरसता और प्रेरक संदेश
त्योहारों से बढ़ती है मानवता और भाईचारा
भाजपा महिला मोर्चा ने पुलिस को राखी बांधी यह केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने का सशक्त प्रयास भी है। त्योहारों का यह सार्थक प्रयोग सामाजिक समरसता का उदाहरण है।
महिला मोर्चा की भूमिका
भाजपा महिला मोर्चा न केवल राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य कर रहा है, बल्कि समय-समय पर सामाजिक मूल्यों को सशक्त करने वाले कार्य भी करता है। यह पहल उसी दिशा में एक प्रेरक कदम है।
भाजपा महिला मोर्चा ने पुलिस को राखी बांधी, भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक
भाजपा महिला मोर्चा ने पुलिस को राखी बांधी यह आयोजन केवल राखी बांधने का नहीं था, बल्कि यह विश्वास, सम्मान और सुरक्षा की भावना को नए स्तर पर स्थापित करने का प्रतीक है। ऐसे सामाजिक प्रयास न केवल त्योहारों की गरिमा को बढ़ाते हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।
