🌿 चांगेरी: आयुर्वेद में अद्भुत औषधीय गुणों से भरपूर पौधा
नई दिल्ली । चांगेरी, जिसे आम बोलचाल की भाषा में ‘खट्टी घास’ भी कहा जाता है, भारत में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला एक औषधीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम Oxalis corniculata है और यह सदाबहार पौधा पाचन, त्वचा, जोड़ों और महिला स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। चरक और सुश्रुत संहिता में भी चांगेरी का उल्लेख इसकी औषधीय उपयोगिता के लिए किया गया है।
🩺 चांगेरी से होने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभ
1. पाचन संबंधी समस्याओं का समाधान
चांगेरी का सबसे अधिक उपयोग दस्त (अतिसार), पेट दर्द और गैस की समस्याओं में किया जाता है।
सेवन विधि: 20-40 मिली चांगेरी का काढ़ा भुनी हींग के साथ लेने से तुरंत राहत मिलती है।
2. महिला स्वास्थ्य में फायदेमंद
चांगेरी के पत्तों का रस मिश्री के साथ मिलाकर पीने से ल्यूकोरिया और इससे जुड़ी पीड़ा में आराम मिलता है। यह हड्डियों को मजबूत करने में भी सहायक होता है।
3. त्वचा संबंधी विकारों में उपयोगी
इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण मुंहासों, काले धब्बों और त्वचा की जलन को कम करने में कारगर हैं।
घरेलू उपाय: चांगेरी के फूलों को पीसकर चावल के आटे के साथ मिलाकर फेस पैक की तरह उपयोग करें।
4. जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत
चांगेरी के पत्तों का लेप जोड़ों के दर्द, गठिया और सूजन को कम करने में लाभकारी है। इसका सूजन-रोधी गुण इसे दर्द निवारक बनाता है।
5. विटामिन-सी का बेहतरीन स्रोत
यह पौधा विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और स्कर्वी जैसी बीमारियों से बचाता है।
🍽️ चांगेरी का सेवन कैसे करें?
विधि | लाभ |
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चटनी के रूप में | पाचन में सुधार और भूख बढ़ाने में सहायक |
काढ़ा | दस्त, पेट दर्द और गैस में राहत |
पत्तों का रस | ल्यूकोरिया और हड्डियों की कमजोरी में फायदेमंद |
फेस पैक | मुंहासे और त्वचा निखार के लिए |
पत्तों का लेप | जोड़ों के दर्द और सूजन में उपयोगी |
चांगेरी एक ऐसा बहुउपयोगी आयुर्वेदिक पौधा है जिसे हम अपने आसपास के वातावरण में आसानी से पा सकते हैं। यह न केवल पाचन और त्वचा संबंधी रोगों में बल्कि महिला स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी बेहद उपयोगी है। यदि आप प्राकृतिक और घरेलू उपायों की तलाश में हैं, तो चांगेरी आपके लिए एक भरोसेमंद विकल्प हो सकता है — बशर्ते इसका प्रयोग चिकित्सकीय सलाह के साथ किया जाए।
