उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान एक गंभीर हादसे के बाद हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सीएम आवास पर एक आपातकालीन बैठक के दौरान यह फैसला लिया। यह निर्णय श्री केदारनाथ धाम के पास हुई दुर्घटना के बाद लिया गया, जिसमें मंदिर समिति के कर्मचारी विक्रम रावत (47) की दुखद मृत्यु हो गई।
मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए संचालित हेली सेवाएं सोमवार तक पूर्ण रूप से बंद रहेंगी।
हेली सेवाओं पर सख्ती क्यों?
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हेली सेवाओं की मांग पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है। लेकिन इस सुविधा के साथ सुरक्षा और समन्वय की चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। हालिया हादसे ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
लापरवाही का गंभीर परिणाम
शुरुआती जांच में सामने आया है कि हेली सेवा संचालन में कुछ स्तरों पर लापरवाही बरती गई थी। जिस कारण एक प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मचारी की जान चली गई। इस कारण ही हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है ताकि सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जा सके।
हेली संचालन के लिए नया कमांड सेंटर
मुख्यमंत्री धामी ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब देहरादून में एक ‘कॉमन कमांड एंड कंट्रोल सेंटर’ स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य में हेली सेवाओं के संचालन में बेहतर समन्वय और पारदर्शिता लाना है।
इस केंद्र में निम्नलिखित विभागों की सहभागिता होगी:
-
DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय)
-
आपदा प्रबंधन विभाग
-
सिविल एविएशन विभाग
-
UKADA (उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी)
-
हेली ऑपरेटर कंपनियों के अधिकारी
यह कदम इस दिशा में बड़ा सुधार माने जा रहा है। अधिक जानकारी DGCA की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है।
पायलटों के अनुभव और योग्यताओं की जांच
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अब उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों के अनुभव और योग्यताओं की पूरी तरह से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि हेली ऑपरेटर कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पायलटों को पर्वतीय इलाकों में उड़ान भरने का समुचित अनुभव हो।
संबंधित पढ़ें
चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर बुकिंग से जुड़ी गाइडलाइन जानें
यात्रियों के लिए क्या है अगला कदम?
चारधाम की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को अगले कुछ दिन सतर्कता से यात्रा करनी होगी। हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद होने के कारण उन्हें भूमि मार्ग से ही यात्रा करनी होगी। सरकार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्थाओं के निर्देश जिलाधिकारियों को दे दिए गए हैं।
हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद होने का निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार अब हेली सेवाओं के बेहतर और सुरक्षित संचालन के लिए ठोस कदम उठा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
