कुरूद । ग्राम चर्रा में बना भव्य कृषि महाविद्यालय क्षेत्र के लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, लेकिन इस शानदार इमारत को अब भी एक चीज़ का इंतजार है—मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण की औपचारिकता। दो साल पहले बनकर तैयार इस कॉलेज की पढ़ाई तो शुरू हो चुकी है, लेकिन उद्घाटन न होने से संस्थान को अभी भी पूरी रफ्तार से काम करने का मौका नहीं मिल पाया है।
एनएच-30 पर कुरूद से धमतरी की ओर महज़ दो किलोमीटर दूर स्थित यह कृषि कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय के ठीक बगल में है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से कर दिया था। लेकिन कृषि महाविद्यालय, जिसे विधायक अजय चंद्राकर ने अपने मंत्रित्वकाल में मंजूरी दिलवाई थी, अब भी प्रतीक्षा में है।
करीब 10 एकड़ में फैला यह परिसर आधुनिक शिक्षा के सभी संसाधनों से लैस है। यहां क्लासरूम, लाइब्रेरी, लैब, एग्जाम हॉल, स्टाफ रूम, ऑफिस भवन और छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल (40+40 सीटर) भी तैयार हैं। इतना ही नहीं, प्रायोगिक खेती के लिए जमीन भी मौजूद है, जिससे छात्र खेती की आधुनिक तकनीकों और बीज अनुसंधान में प्रशिक्षण पा सकें।
डीन पी.एल. जॉनसन के अनुसार, कॉलेज की शुरुआत वर्ष 2018-19 में गवर्नमेंट हाई स्कूल के भवन से हुई थी, जिसमें पहले सत्र में 24 छात्रों ने प्रवेश लिया था। अब इस नए भवन में कोरबा, बिलासपुर, कांकेर, जगदलपुर जैसे जिलों से सैकड़ों छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। यहां 12 विभागों के लिए 41 पदों का सेटअप भी मंजूर किया गया है।
इस कॉलेज का उद्घाटन होते ही यह धमतरी जिले का एकमात्र कृषि महाविद्यालय बन जाएगा, जो इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध होकर कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
