रायपुर | छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षक को लेकर 14 जुलाई 2025 को विधानसभा में ज़ोरदार बहस देखने को मिली। रायपुर में आयोजित मानसून सत्र के दौरान, कई विधायकों ने राज्य सरकार से यह जानना चाहा कि युक्तियुक्तकरण से किन-किन शिक्षकों पर असर पड़ा और किस प्रक्रिया के तहत उन्हें पुनः नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवाब में बताया कि राज्य में कुल 10,538 स्कूलों को मर्ज किया गया और 8495 सहायक शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर नए स्थानों पर पदस्थापन किया गया है। इसके अलावा, 3562 शिक्षक और 2652 व्याख्याता भी इस प्रक्रिया से प्रभावित हुए।
युक्तियुक्तकरण का मुद्दा विधानसभा में
विधायकों के तीखे सवाल
विधानसभा सत्र में सबसे अधिक चर्चा का विषय छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षक रहे। विधायकों ने कहा कि कई शिक्षकों को दूरदराज के इलाकों में भेजा गया, जिससे उनके परिवार और विद्यार्थियों दोनों पर असर पड़ा।
मुख्यमंत्री का लिखित उत्तर
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह प्रक्रिया सुव्यवस्थित थी और सभी प्रभावित शिक्षकों को काउंसलिंग प्रक्रिया के जरिए पुनः पदस्थ किया गया।
कितने स्कूल मर्ज किए गए?
राज्य सरकार के अनुसार, 10,538 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया गया। यह कदम संसाधनों के बेहतर उपयोग और छात्र संख्या के हिसाब से स्कूलों को फिर से व्यवस्थित करने के लिए उठाया गया।
कितने शिक्षक प्रभावित हुए?
सहायक शिक्षक, शिक्षक, और व्याख्याता
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8495 सहायक शिक्षक
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3562 शिक्षक
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2652 व्याख्याता
ये आंकड़े दिखाते हैं कि छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षक बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें उनके मूल स्थान से हटाकर अन्यत्र नियुक्त किया गया।
पुनः पदस्थापन की प्रक्रिया
सरकार ने सभी प्रभावित शिक्षकों की काउंसलिंग के बाद नए स्कूलों में स्थानांतरण किया। हालांकि, कुछ स्थानों पर इस प्रक्रिया को लेकर नाराज़गी भी देखने को मिली।
विधायकों की चिंताएं
विधायकों ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में शिक्षकों की अत्यधिक कमी हो गई है जबकि कुछ स्थानों पर अधिक पदस्थापन हो गया, जिससे शिक्षा व्यवस्था में असंतुलन आया है।
मुख्यमंत्री का जवाब और स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं को समझती है और जल्द ही फीडबैक सिस्टम के आधार पर सुधारात्मक कदम उठाएगी।
युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य क्या था?
संसाधनों का समुचित वितरण
सरकार का उद्देश्य था कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज कर संसाधनों का सही उपयोग किया जा सके, जिससे छात्रों को बेहतर सुविधा मिल सके।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
मांगें और विरोध
कई शिक्षक संघों ने इसका विरोध किया और कहा कि यह कदम शिक्षकों के मनोबल को गिरा सकता है, खासकर उन्हें जो वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत थे।
शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में असर
कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल मर्ज होने के बाद छात्रों को दूर जाना पड़ता है, वहीं शहरी इलाकों में कुछ स्कूलों पर अधिक भार पड़ गया है।
आगे की संभावनाएं और सुधार
क्या युक्तियुक्तकरण दोबारा होगा?
सरकार ने संकेत दिया है कि स्थिति की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो पुनः युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
