रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में हुई कैबिनेट बैठक में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर समाज के दो अहम वर्गों – कलाकारों-साहित्यकारों और स्कूली बच्चों – पर पड़ेगा।
सबसे बड़ा फैसला प्रदेश के साहित्यकारों और कलाकारों को मिलने वाली पेंशन को ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000 प्रति माह करने का है। मुख्यमंत्री साय ने इसे केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि “राज्य की संवेदना और सम्मान का प्रतीक” बताया। यह पेंशन संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना नियम 1986 के तहत दी जाती है। पिछले 12 वर्षों से इस राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जिससे यह निर्णय लंबे समय से प्रतीक्षित था।
साय ने कहा, “हमारे साहित्यकार और कलाकार समाज की आत्मा हैं। उनका सम्मान करना राज्य का दायित्व है।”
शिक्षा में क्रांति लाएगा “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान”
एक और बड़ा कदम शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाया गया है। कैबिनेट ने “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” को मंजूरी दी है, जो राज्य के स्कूलों को नई दिशा देगा। इस योजना के अंतर्गत कमज़ोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। इसमें अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “शिक्षा केवल स्कूल तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन निर्माण की प्रक्रिया है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के हर कोने में बच्चों को समग्र और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।”
स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही इस अभियान से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा, जिसमें जिले और ब्लॉक स्तर पर कार्ययोजना तय की जाएगी।
