छत्तीसगढ़ विधानसभा डीएपी खाद हंगामा 2025: विपक्षी विधायकों का निलंबन के बाद भी गर्भगृह में विरोध

🏛️ छत्तीसगढ़ विधानसभा डीएपी खाद हंगामा 2025: निलंबन के बाद भी विपक्ष का विरोध जारी

छत्तीसगढ़ विधानसभा डीएपी खाद हंगामा 2025 ने राज्य की राजनीतिक गरिमा और संसदीय परंपराओं को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। 17 जुलाई को रायपुर में विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों ने डीएपी खाद की कमी को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जब उन्हें निलंबित किया गया, तब भी वे गर्भगृह में डटे रहे और नारेबाजी करते रहे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई।

🕰️ प्रश्नकाल में बढ़ा तनाव, अध्यक्ष ने जताई नाराजगी

विधानसभा का प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ, डीएपी खाद की कमी को लेकर विपक्षी विधायकों ने आवाज उठाई। उन्होंने गर्भगृह तक जाकर नारेबाजी की और अध्यक्ष के निर्देशों की अनदेखी की।

🗣️ विधानसभा अध्यक्ष का तीखा बयान:

“प्रतिपक्ष के सदस्य असंसदीय व्यवहार कर रहे हैं और सदन की परंपराओं को ध्वस्त कर रहे हैं। यह छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक परंपरा को ठेस पहुंचा रहा है।”

⚖️ सदन की कार्यवाही स्थगित, फिर भी जारी रहा प्रदर्शन

स्थिति गंभीर होती देख सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद भी विपक्षी विधायक गर्भगृह में मौजूद रहे। अध्यक्ष द्वारा निलंबन के आदेश जारी होने के बाद भी उन्होंने सदन छोड़ने से इनकार कर दिया।

🧾 पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाए सवाल, मंत्री ने दिया जवाब

जब कार्यवाही पुनः शुरू हुई, तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद वितरण को लेकर सरकार से सवाल पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि:

  • कितनी खाद की आपूर्ति हुई है?

  • निजी क्षेत्र और सहकारी समितियों को कितना आवंटन मिला है?

🧑‍🌾 कृषि मंत्री रामविचार नेताम का जवाब:

“अब तक 1.72 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति हो चुकी है। यह समस्या केवल राज्य की नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर की है।”

🚫 विपक्ष रहा असंतुष्ट, फिर हुआ हंगामा

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने एक बार फिर नारेबाज़ी शुरू कर दी, जिससे सदन का वातावरण और भी तनावपूर्ण हो गया। यह स्थिति विधानसभा के अनुशासन और गरिमा के प्रतिकूल मानी जा रही है।

डीएपी खाद की आपूर्ति समस्या

डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) खाद की आपूर्ति पूरे भारत में असंतुलित रही है। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें लगातार सप्लायर्स से संवाद में हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ विधानसभा डीएपी खाद हंगामा 2025 इस राष्ट्रीय मुद्दे को राज्य की राजनीति में केंद्र बिंदु बना रहा है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा डीएपी खाद हंगामा 2025 लोकतांत्रिक मर्यादाओं की परीक्षा

छत्तीसगढ़ विधानसभा डीएपी खाद हंगामा 2025 ने यह स्पष्ट किया कि खाद की कमी जैसे गंभीर मुद्दों पर भी राजनीतिक दलों में संवाद और संयम की कमी लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। ऐसे समय में सभी दलों को मिलकर समाधान की दिशा में प्रयास करना चाहिए, न कि सदन की गरिमा को ठेस पहुंचानी चाहिए।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu