छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों को मुफ्त किताबें: समय पर शिक्षा की नई पहल
छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों को मुफ्त किताबें देने की प्रक्रिया इस वर्ष और अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सशक्त बन गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशों और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की सक्रिय भूमिका के चलते कक्षा 1 से 10 तक के विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों को मुफ्त किताबें देने का यह प्रयास न केवल बच्चों की शिक्षा को सुलभ बना रहा है, बल्कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
पुस्तक वितरण की प्रक्रिया में आया बड़ा बदलाव
दो बारकोड सिस्टम का उपयोग
इस साल हर किताब पर दो बारकोड लगाए गए हैं—एक प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा स्कूल के गंतव्य की पहचान के लिए। यह तकनीकी उपाय वितरण में पारदर्शिता और निगरानी दोनों को बेहतर बनाता है।
किताबों की छपाई और डिपो में पहुँच
पाठ्यपुस्तक निगम ने इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की हैं, जो 17-18 जून 2025 तक सभी डिपो में पहुँच चुकी हैं। इसमें कक्षा 9वीं और 10वीं की किताबें पहले से ही स्कूलों तक पहुँचा दी गई हैं।
आत्मानंद और प्राइवेट स्कूलों में प्रगति
🔹 आत्मानंद विद्यालयों की स्थिति:
इन स्कूलों में 60% किताबें पहले ही पहुँच चुकी हैं और शेष भी कुछ ही दिनों में वितरित कर दी जाएंगी।
🔹 प्राइवेट स्कूलों के लिए नई प्रक्रिया:
इस बार छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों को मुफ्त किताबें तभी दी जा रही हैं जब स्कूलों द्वारा बारकोड स्कैनिंग पूर्ण कर ली जाती है। पहले यह प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से होती थी, लेकिन अब यह ज़िम्मेदारी स्कूलों पर है।
आई समस्याएं और मुख्यमंत्री का त्वरित निर्णय
बीते दिनों में डिपो में जगह की कमी और स्कैनिंग की तकनीकी अड़चनों ने वितरण प्रक्रिया को धीमा किया। जब मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि 1100 से अधिक सरस्वती शिक्षा मंदिर सहित कई निजी विद्यालयों को किताबें मिलनी हैं, तब उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक प्राइवेट स्कूल 7 दिनों में अपनी किताबों की बारकोड स्कैनिंग पूरी करें और ज़िलेवार डिपो से किताबें लें।
शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम साबित करता है कि राज्य सरकार बच्चों की पढ़ाई को समय पर शुरू कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों को मुफ्त किताबें उपलब्ध कराने का यह अभियान शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की गंभीरता और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों को मुफ्त किताबें देने की यह पहल न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि छात्रों और अभिभावकों को आर्थिक राहत भी पहुँचा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह कार्य तेज़ी और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी छात्र किताबों के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे।
