छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम : 1000 करोड़ निवेश प्रस्ताव से औद्योगिक विकास को नई उड़ान
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आयोजित छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा दी है। इस कार्यक्रम में करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बस्तर जैसे दूरस्थ अंचल में उद्योग और रोजगार की संभावनाओं को पंख लगने लगे हैं।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता और औद्योगिक नीति
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल के वर्षों में पारदर्शी और आकर्षक औद्योगिक नीति लागू की है। इसका परिणाम है कि बस्तर जैसे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों तक निवेशक पहुंचने लगे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से स्थानीय उद्योगपतियों, स्टार्टअप युवाओं और उद्यमियों को नई ऊर्जा मिली है।
स्थानीय उद्यमियों का योगदान
रागिनी जायसवाल: महिलाओं के लिए प्रेरणा
कोंडागांव जिले की युवा उद्यमी रागिनी जायसवाल ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना के अंतर्गत 9.53 लाख रुपये की सहायता लेकर फिटनेस एंड न्यूट्रिशन यूनिट शुरू की है। वह माताओं और बच्चों के लिए हेल्दी फूड उपलब्ध करा रही हैं। यह स्टार्टअप न केवल पोषण सेवाओं को मजबूत कर रहा है, बल्कि स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है।
सोहैल रिजवी: बीजापुर का औद्योगिक चेहरा
दंतेवाड़ा जिले के गीदम निवासी सोहैल रिजवी बीजापुर में 6 करोड़ की लागत से एक आधुनिक राइस मिल स्थापित कर रहे हैं। इसमें शासन की ओर से 90 लाख रुपये का अनुदान मिला है। इस मिल के शुरू होने से 50–60 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, सोहैल 3 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स का भी कारोबार चला रहे हैं।
निवेश से बढ़ेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता
छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और निर्माण कार्यों को गति मिलेगी। इससे युवाओं को स्वरोजगार और नए अवसर मिलेंगे।
सरकार की योजना और स्टार्टअप संस्कृति
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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना से युवाओं को सहारा
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35% तक अनुदान का लाभ
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माओवाद प्रभावित जिलों में उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन
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स्थानीय उत्पादों को बाजार में पहचान दिलाने की पहल
छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम केवल एक निवेश सम्मेलन नहीं बल्कि बस्तर की औद्योगिक क्रांति की शुरुआत है। रागिनी जायसवाल और सोहैल रिजवी जैसे युवाओं की सफलता यह साबित करती है कि सरकारी नीतियों और स्थानीय प्रयासों से बस्तर का भविष्य उज्ज्वल होगा। आने वाले वर्षों में यह कार्यक्रम स्थानीय उद्योग और रोजगार सृजन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
