छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों में निजी किताबों पर प्रतिबंध, शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला

रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और समान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। निजी स्कूलों में निजी किताबों पर प्रतिबंध लगाते हुए, राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी CBSE और CGBSE से संबद्ध निजी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब ये स्कूल केवल NCERT और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की स्वीकृत किताबें ही छात्रों को पढ़ा सकेंगे।

NCERT और पाठ्यपुस्तक निगम की किताबें होंगी अनिवार्य

शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, CBSE से संबद्ध निजी स्कूलों को अब केवल NCERT की किताबें पढ़ानी होंगी। वहीं, छत्तीसगढ़ बोर्ड (CGBSE) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में केवल छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का ही उपयोग किया जाएगा। यह निर्णय छात्रों के लिए एक समान शैक्षणिक अनुभव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

ड्रेस और स्कूल सामान की बिक्री पर भी रोक

इस आदेश के अंतर्गत स्कूलों में जूते, मोज़े, बेल्ट, टाई और वर्दी जैसी वस्तुओं की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करना है। स्कूल अब इन सामानों की बिक्री कर छात्रों या उनके अभिभावकों को खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।

आदेश का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई

जिला शिक्षा अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि कोई भी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश राज्यभर में लागू है और शिक्षा विभाग की टीमें लगातार इसकी निगरानी करेंगी।

फैसले का उद्देश्य: पारदर्शिता और समानता

निजी स्कूलों में निजी किताबों पर प्रतिबंध का यह निर्णय शिक्षा के मानकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे छात्रों को एक जैसे पाठ्यक्रम से पढ़ने का अवसर मिलेगा और निजी स्कूलों द्वारा की जाने वाली मनमानी पर रोक लगेगी।

अभिभावकों को मिली राहत

अक्सर अभिभावक शिकायत करते रहे हैं कि निजी स्कूल उन्हें महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इस आदेश से उन्हें अब राहत मिलेगी और वे स्थानीय बाजार से सामान खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे। शिक्षा अब अधिक सुलभ और न्यायसंगत बनने की दिशा में अग्रसर है।

निजी स्कूलों में निजी किताबों पर प्रतिबंध का यह फैसला छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली में समानता, पारदर्शिता और अभिभावकों की राहत लाने की दिशा में एक प्रशंसनीय प्रयास है। यह निर्णय शिक्षा को एक व्यापार नहीं, बल्कि मूल अधिकार के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक साहसी कदम है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu