रायपुर —छत्तीसगढ़ में लंबे समय से शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे D.Ed. और B.Ed. प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। राजधानी रायपुर में रविवार को बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवा सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन अभ्यर्थियों ने साफ चेतावनी दी कि अगर 1 जून तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
33,000 पद खाली, लेकिन सरकार चुप!
प्रदर्शनकारी युवाओं ने बताया कि राज्य में करीब 33,000 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया, और याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने 57,000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था — लेकिन आज तक न कोई वैकेंसी निकली, न कोई नोटिफिकेशन जारी हुआ।
“अब सिर्फ आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए”
प्रशिक्षित संघ के पदाधिकारियों ने कहा, “हमने अब तक शांतिपूर्वक अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाई हैं। लेकिन हर बार सिर्फ तारीखें और आश्वासन मिले हैं। अब समय आ गया है कि सरकार या तो भर्ती शुरू करे या आंदोलन झेले।”
ये हैं संघ की 9 प्रमुख मांगें:
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33,000 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया तत्काल शुरू हो
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भर्ती का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाए
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चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए
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पुराने प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस हटाए जाएं
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उम्र सीमा में छूट दी जाए
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D.Ed./B.Ed. अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिले
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हर साल नियमित भर्ती वर्ष तय हो
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आवेदन प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन हो
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परीक्षाओं की समयसीमा निश्चित की जाए
महिला अभ्यर्थियों की आवाज: “उम्र निकल रही है, भर्ती नहीं हो रही!”
प्रदर्शन में कई महिला अभ्यर्थी भी शामिल रहीं। उनका कहना है कि वे सालों से तैयारी कर रही हैं लेकिन हर बार खाली हाथ लौटना पड़ता है। एक अभ्यर्थी ने कहा, “सरकार ने हमसे वादा किया था, अब हमारा हक चाहिए। उम्र निकलती जा रही है और हम बेरोजगार बैठे हैं।”
क्या सरकार सुनेगी?
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार इस बढ़ते जनदबाव को गंभीरता से लेगी? यदि 1 जून तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो रायपुर में हजारों प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का जबरदस्त अनिश्चितकालीन आंदोलन देखने को मिल सकता है — जिससे शिक्षा विभाग ही नहीं, पूरे प्रशासन पर दबाव बनेगा।
