रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 को लेकर शुक्रवार 11 जुलाई को रायपुर स्थित महानदी भवन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में आगामी 14 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों पर चर्चा की जा रही है। साथ ही किसानों से संबंधित कई अहम प्रस्ताव भी चर्चा के एजेंडे में शामिल हैं।
14 जुलाई से शुरू होगा छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 की शुरुआत 14 जुलाई से होगी, जो 18 जुलाई तक चलेगा। इस बार विधानसभा का यह सत्र कुल 5 कार्यदिवसों का होगा। विपक्ष की ओर से 996 प्रश्न लगाए गए हैं और कई विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव लाने की भी तैयारी की है।
कैबिनेट बैठक के मुख्य बिंदु
कैबिनेट बैठक में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, उनमें शामिल हैं:
1. विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले विधेयक
-
सरकारी योजनाओं में संशोधन से जुड़े बिल
-
अधिनियमों में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव
2. किसानों से जुड़े अहम निर्णय
-
खरीफ सीजन के समर्थन मूल्य
-
सिंचाई व्यवस्था में सुधार
-
बीज और खाद की आपूर्ति से जुड़े प्रस्ताव
विपक्ष की रणनीति और सवालों की संख्या
इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 में विपक्ष सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी के साथ उतरने वाला है। 996 प्रश्नों के साथ विपक्ष सरकार से जवाबदेही की मांग करेगा। इसके साथ ही स्थगन प्रस्ताव भी चर्चा का मुख्य केंद्र रहेंगे।
5 दिन के सत्र में क्या हो सकता है खास?
दिनांक | संभावित एजेंडा |
---|---|
14 जुलाई | राज्यपाल का अभिभाषण, प्रश्नकाल |
15-17 जुलाई | विधेयकों पर चर्चा, स्थगन प्रस्ताव |
18 जुलाई | बजट पर चर्चा, समापन |
इस बार सत्र के दौरान कृषि, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर बहस होने की पूरी संभावना है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की भूमिका
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी मंत्रियों को सुझाव दिया कि वे अपने विभाग से संबंधित मामलों में पूरी तैयारी के साथ विधानसभा में उपस्थित रहें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 प्रदेश के लिए नीतिगत दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 राज्य की राजनीतिक, सामाजिक और कृषि नीतियों के लिए एक निर्णायक क्षण बन सकता है। सरकार की योजनाएं और विपक्ष के सवाल – दोनों ही जनता की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सत्र राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए नई दिशाएं तय कर सकता है।
