रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को आमतौर पर शांत स्वभाव और सौम्यता के लिए जाना जाता है, लेकिन जब बात जनता की समस्याओं और सरकारी लापरवाही की हो, तो वे सख्त तेवर अपनाने में भी पीछे नहीं रहते।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ग्राम चुकतापानी में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री सुशासन तिहार के तहत अचानक गांव पहुंचे और महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों की बातें सुनने लगे।
इस दौरान गांव में पानी की समस्या सामने आते ही मुख्यमंत्री ने तुरंत PHE विभाग के अफसरों को मौके पर बुलवा लिया। उन्होंने हैंडपंप और जल जीवन मिशन की जानकारी मांगी, लेकिन सब इंजीनियर का जवाब उन्हें संतोषजनक नहीं लगा।
तभी मुख्यमंत्री साय ने तेवर दिखाते हुए अफसर से कहा –
“यह सरकारी काम है, कोई मजाक नहीं। या तो काम करो, या सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो!”
मुख्यमंत्री का यह कड़ा रूप देखकर सरकारी अधिकारी घबरा गए, लेकिन ग्रामीणों ने तालियां बजाकर उनकी इस कड़क कार्यशैली का समर्थन किया।
सीएम साय ने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गांव में जल्द से जल्द पेयजल सुविधा दुरुस्त की जाए और जो अधिकारी काम में लापरवाही कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
