रायपुर । खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के झुरानदी गांव में गुरुवार की दोपहर कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिला। तपती धूप में जब गांव के खुले मैदान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हेलिकॉप्टर उतरा, तो गांववालों की आंखों में हैरानी और चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दी। बिना किसी पूर्व सूचना के, प्रदेश के मुखिया को अचानक अपने बीच पाकर गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया।
मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ की छांव में चौपाल लगाई और छत्तीसगढ़ी में आत्मीय संवाद शुरू किया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री का यह सहज, सादगीभरा और जमीन से जुड़ा व्यवहार गांववालों के दिलों को छू गया।
“हमारी सरकार गांव, गरीब और किसान की है”
मुख्यमंत्री श्री साय ने चौपाल में कहा कि उन्होंने बस्तर, सरगुजा, कबीरधाम और जांजगीर जैसे सुदूर क्षेत्रों में लगातार जनसंवाद किया है और अब झुरानदी जैसे गांवों तक शासन की योजनाएं पहुंचाना उनका संकल्प है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर पात्र ग्रामीण को योजनाओं का लाभ समय पर मिले।
स्कूल, सड़क और पुल की सौगात
ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं कीं:
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झुरानदी गांव में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल भवन निर्माण
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सीसी सड़क के लिए 20 लाख रुपए
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गंडई से कृतबाधा मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण – 2.54 करोड़ रुपए
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गंडई-कर्रानाला पहुंच मार्ग पर लिमो में पुल निर्माण – 2.52 करोड़ रुपए
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मंदिर में पूजा, जन की सुनवाई और दिल का रिश्ता
चौपाल के बाद मुख्यमंत्री ने गांव के पवनपुत्र हनुमान मंदिर में पूजा की और प्रदेशवासियों की सुख-शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार सिर्फ योजनाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि जनता से सीधे संवाद का अवसर है।
ग्रामीणों ने कहा, “वर्षों में पहली बार कोई मुख्यमंत्री यूं अचानक हमारे गांव आया, बरगद के नीचे बैठा और हमारी भाषा में हमसे बात की।” बुजुर्गों और युवाओं ने मुख्यमंत्री की माटी से जुड़ी शैली और सादगी को बेहद सराहा।
झुरानदी में विकास की तस्वीर
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जल जीवन मिशन के तहत पानी की आपूर्ति
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17 महिला स्व-सहायता समूह सक्रिय
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मनरेगा से रोजगार के अवसर
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प्राथमिक से हाई स्कूल तक की शिक्षा व्यवस्था
