रायपुर । छत्तीसगढ़ में सुशासन की मिसाल पेश करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फिर एक बार अपनी जमीनी जुड़ाव वाली कार्यशैली से जनता का दिल जीत लिया। सुशासन तिहार-2025 के तहत बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के आमागोहन गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनकर मौके पर ही समाधान की दिशा में कदम उठाए।
महुआ के पेड़ के नीचे लगे चौपाल में मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सुशासन के जरिए हर गांव तक विकास की रौशनी पहुंचाना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अब तक 18 लाख पीएम आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं और महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।
ग्रामीणों की बातें, मुख्यमंत्री की सुनवाई
समाधान शिविर में विमला साहू ने बताया कि उन्हें महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि वे अपनी नातिन के लिए सुकन्या योजना में जमा कर रही हैं। वहीं छोटेलाल बैगा ने भावुक होकर बताया कि पहले वे कच्चे मकान में रहते थे, लेकिन अब पीएम आवास ने उन्हें सुरक्षित जीवन दिया है।
मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
शिविर के दौरान मुख्यमंत्री साय ने बेलगहना में कॉलेज, 32 केवी विद्युत सब स्टेशन, और सामुदायिक भवन जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा, “हम अपने डेढ़ साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच हैं। जो सरकार अच्छा काम करती है, वही जनता का सामना कर सकती है।”
ग्रामीणों संग किया भोजन
मुख्यमंत्री ने गांव के लोगों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी किया। अनीता ध्रुव, विमला पुरी, दिलेश्वरी खुसरो जैसे ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के साथ खाना खाकर खुद को गौरवान्वित महसूस किया।
मुख्यमंत्री को मिला खास गिफ्ट
गांव के युवा देव सिंह खुसरो ने मुख्यमंत्री साय को उनके हाथों से बना पेंसिल स्केच भेंट किया और उन्हें किसान हितैषी बताते हुए कहा कि उनके प्रयासों से गांव और खेतों में सकारात्मक बदलाव आया है।
आमागोहन की तस्वीर
आदिवासी बाहुल्य आमागोहन गांव की कुल जनसंख्या 2073 है, जिसमें 567 परिवार निवास करते हैं। यहां के अधिकतर परिवार सरकार की योजनाओं जैसे राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना, आवास योजना, आयुष्मान कार्ड, बिहान योजना और महतारी वंदन योजना का लाभ उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह दौरा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का एक मजबूत सेतु साबित हुआ। सुशासन तिहार के जरिए जो संवाद और समाधान की प्रक्रिया शुरू हुई है, वह निश्चित ही छत्तीसगढ़ के विकास में मील का पत्थर बनेगी।
