मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की – किसानों को लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर

रायपुर  – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य में वर्षों से लंबित सिंचाई और जल संरचना कार्यों की स्थिति की गहन पड़ताल की गई। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की गति में तेजी लाई जाए और ठोस रणनीति अपनाई जाए ताकि प्रदेश के किसानों को जल्द से जल्द सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिल सके।

वर्ष 2015 से पहले की लंबित जल परियोजनाएं होंगी प्राथमिकता में

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य की कई जल परियोजनाएं वर्ष 2015 से पूर्व से अधूरी पड़ी हैं, जिससे किसानों को योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी सभी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए ताकि सिंचाई क्षमता में वृद्धि हो और कृषि उत्पादन बढ़ सके।

सिंचाई सुधार से होगा किसान सशक्तिकरण

छत्तीसगढ़ एक कृषि-प्रधान राज्य है, और कृषि की रीढ़ है – पानी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की तो यह भी स्पष्ट किया कि जल प्रबंधन बेहतर होने से:

  • सिंचित रकबा में बढ़ोतरी होगी

  • कृषि उत्पादन में गुणात्मक सुधार आएगा

  • किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी

  • जीवन स्तर में सुधार होगा

यह कदम प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसे अभियानों को भी मजबूती देगा।

बैठक में हुई प्रेजेंटेशन और समीक्षा
● प्रस्तुतीकरण में शामिल विषय:
  • चल रही प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं

  • अधूरी योजनाओं की समय-सीमा

  • निर्माण प्रगति की मौजूदा स्थिति

  • संसाधनों की उपलब्धता और बाधाएं

जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी:

  • जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप

  • मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह

  • सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत

  • संयुक्त सचिव डॉ. रवि मित्तल

  • प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके

  • अन्य वरिष्ठ अधिकारी

जल संसाधन परियोजनाओं के शीघ्र पूर्ण होने के संभावित लाभ
क्षेत्र संभावित लाभ
सिंचाई किसानों को पर्याप्त जल
कृषि उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार
रोजगार निर्माण और प्रबंधन में अवसर
पर्यावरण जल संचयन और भू-जल स्तर संतुलन
सामाजिक ग्रामीण विकास और पलायन में कमी
लंबित परियोजनाएं क्यों हैं चिंता का विषय?
  • निर्माण में देरी से बढ़ रही लागत

  • किसानों को योजनाओं का समय पर लाभ नहीं मिलना

  • भू-जल स्तर असंतुलन

  • मानसून पर अत्यधिक निर्भरता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की और कहा कि ऐसी देरी राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की और यह स्पष्ट किया कि अधूरी योजनाओं को समयबद्ध और प्रभावी तरीके से पूर्ण करना प्रदेश की प्राथमिकता है। इससे न केवल किसानों को सीधे लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण ढांचा भी मजबूत होगा।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu