धमतरी । जिले में चने की खरीदी 3 महीने तक चल रही है। मार्च से चना की खरीदी शुरू हुई, जो अब 31 मई तक चलेगी। इसके बाद चना खरीदी का पोर्टल बंद हो जाएगा। जिले में अब तक 2171 किसानों ने 11.38 करोड़ रुपए का चना बेचा है। चना बेचने की अंतिम तारीख 31 मई है। इसके बाद किसान चना नहीं बेच पाएंगे। जिले में 8 हजार किसानों ने चना बेचने के लिए पंजीयन कराया था, पर 2 हजार से अधिक किसानों ने ही समितियों में पहुंचकर चना बेचा है।
चना खरीदी के लिए जिले में 8 केंद्र की स्थापना की गई हैं। लोहरसी, छाती, नगरी, मगरलोड, कुरूद, कातलबोड़, तरसींवा, रामपुर में चना खरीदी समर्थन मूल्य पर हो रही है। सभी केंद्रों पर चना खरीदी जारी है। ज्यादातर किसानों ने चना बिक लिया है। केंद्रों पर गिनती के किसान ही चना बिकवाने पहुंचे हैं। किसानों ने कुल 11 करोड़ 38 लाख 70 हजार रुपए का चना बिकाया है। किसानों को दो महीने पहले तक राशि नहीं मिली थी। अब किसानों को राशि जारी हो रही है। मई से भुगतान शुरू हुआ है। 19 क्विंटल हो चुका परिवहन
चना खरीदी के बाद डेढ़ महीने तक उठाव भी नहीं हो पाया था। डेढ़ महीने बाद उठाव शुरू हुआ। जिले में कुल 20154 क्विंटल चना की खरीदी हुई है। इनमें से 19436 क्विंटल चना का उठाव भी कर लिया गया है। नगरी, कातलबोड़ और रामपुर समिति से चना का उठाव पूरा हो गया है। लोहरसी, मगरलोड, कुरूद और तरसींवा में 717 क्विंटल चना बाकी है।
धमतरी जिला में लगातार गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए इस गर्मी के सीजन के दिसंबर महीने में कई किसानों ने फसल चक्र परिवर्तन अपनाया। बता दें कि किसानों ने धान के बदले अन्य फसल जैसे तिलहन दलहन और चना के फसलें लगाईं। ये सभी फसलें कम पानी व लागत में अच्छा मुनाफा दे रहीं हैं। अमलीडीह का किसान भुनेश्वर साहू ने बताया कि चना उत्पादन अच्छा हुआ, पैसा भी सोसायटी के माध्यम से आ गया है। किसान कृष्णा घुरसिंह साहू ने बताया कि पैसे खाते में आ गए हैं, 56 हजार से अधिक रुपए मिले हैं।
5650 रूपये में मिल रहा चना किसानों से चना खरीदी का भुगतान सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी बलरामपुरी गोस्वामी ने बताया। चना खरीदी की आखिरी तारीख 31 मई है, शेष बचे हुए किसान समितियों में चना बेच सकते हैं। एक मार्च से 31 मई तक प्रति क्विंटल 5650 रूपये में चना खरीदी हो रही है।
किसानों को दलहन-तिलहन के लिए कर रहे प्रेरित
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि फसल चक्र परिवर्तन का प्रयास फसल चक्र परिवर्तन के माध्यम से पानी बचाने और भू-जल स्तर बढ़ाने का धमतरी जिले में किया जा रहा है। किसानों-ग्रामीणों का सहयोग इसमें आ रहा है। किसानों को धान की फसल में अधिक पानी लगने से होने वाले नुकसान को दिखाया जा रहा है और धान से अधिक लाभ देने वाली चना, सरसों, मूंग जैसी दलहन तिलहन की फसलें पेड़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
किसानों को सरकारी सहायता और खरीदी की भी व्यवस्था की जा रही है इन फसलों के लिए।
