भगवान विश्वकर्मा की जयंती का विशेष आयोजन
धमतरी में भगवान विश्वकर्मा की जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर कारपेंटर कल्याण संघ धमतरी द्वारा महावर धर्मशाला परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रंजना डीपेंद्र साहू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर समाज की सुख-समृद्धि की कामना की और उपस्थित श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।
रंजना डीपेंद्र साहू का संबोधन
रंजना डीपेंद्र साहू ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान विश्वकर्मा की जयंती हमें श्रम, सृजनशीलता और तकनीकी कौशल का महत्व सिखाती है। भगवान विश्वकर्मा केवल निर्माण और कला के देवता ही नहीं हैं, बल्कि वे भारतीय संस्कृति और परंपरा में श्रम के प्रतीक भी हैं। समाज के निर्माण में शिल्पकारों की भूमिका ऐतिहासिक रही है और आज भी उनका योगदान अद्वितीय है।
उन्होंने कारपेंटर कल्याण संघ के सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन समाज में एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करते हैं।
सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम
इस विशेष अवसर पर रामायण पाठ और भजन संध्या का भी आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं नगरवासी इस आयोजन में शामिल हुए। रामायण की भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।
साहू ने भी रामायण कार्यक्रम का आनंद लिया और आयोजन समिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से न केवल सामाजिक मूल्यों की पुनर्स्थापना होती है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
भाजयुमो जिला महामंत्री जय हिन्दूजा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की जयंती युवाओं को अपने कार्य में निष्ठा और समर्पण बनाए रखने की प्रेरणा देती है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस परंपरा से जुड़कर समाज के निर्माण में सकारात्मक योगदान दें।
विश्वकर्मा जयंती से जुड़ी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जानकारियाँ भी यह साबित करती हैं कि यह पर्व न केवल शिल्पकार समाज बल्कि संपूर्ण समाज के लिए विशेष महत्व रखता है।
धमतरी में मनाई गई भगवान विश्वकर्मा की जयंती ने यह संदेश दिया कि श्रम और सृजनशीलता हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। रंजना डीपेंद्र साहू की पूजा-अर्चना और श्रद्धालुओं की भागीदारी ने इस पर्व को और विशेष बना दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता, समरसता और सहयोग की भावना को भी मजबूती देता है।







