एक पेड़ माँ के नाम अभियान: गौरव ग्राम खिसोरा में वृक्षारोपण से हरियाली की ओर कदम

एक पेड़ माँ के नाम अभियान: गौरव ग्राम खिसोरा में वृक्षारोपण से हरियाली की ओर कदम

एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत मगरलोड ब्लॉक के गौरव ग्राम पंचायत खिसोरा में एक प्रेरणादायक वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सरपंच राखी साहू के नेतृत्व में तालाब किनारे फलदार और छायादार पौधों का रोपण किया गया। इस अभियान में पंचगण, उपसरपंच, प्रबुद्ध नागरिक और ग्रामीणजन ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

क्या है ‘एक पेड़ माँ के नाम अभियान’?
अभियान का उद्देश्य और महत्व

यह पहल मातृत्व सम्मान और पर्यावरण रक्षा को एक साथ जोड़ती है। इसका उद्देश्य हर व्यक्ति को प्रेरित करना है कि वह अपनी माँ के नाम पर एक पौधा लगाए और उसके संरक्षण का संकल्प ले।

राखी साहू की पहल से जनभागीदारी को बढ़ावा

मगरलोड ब्लॉक सरपंच संघ अध्यक्ष राखी साहू ने इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पेड़ जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं, और उनकी संख्या में वृद्धि पर्यावरण संतुलन के लिए अनिवार्य है।

गौरव ग्राम पंचायत खिसोरा में कैसे हुआ आयोजन?
फलदार और छायादार पौधों का रोपण

इस अवसर पर आम, नीम, जामुन, अशोक जैसे पौधों का चयन किया गया ताकि गाँव में हरियाली के साथ-साथ लोगों को फल और छाया भी मिल सके।

ग्रामीणों ने लिया संरक्षण का संकल्प

कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने पौधों को बड़ा होने तक उनकी देखभाल करने का वचन लिया। इससे ग्रामीणों में सामूहिक जिम्मेदारी और पर्यावरणीय चेतना का संचार हुआ।

राखी साहू का संदेश: पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ
ऑक्सीजन और पर्यावरण संतुलन पर जोर

राखी साहू ने पेड़ों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान समय में जब प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है, पेड़ ही हैं जो जीवन को संतुलन में रखते हैं।

वाईफाई और टेक्नोलॉजी से जोड़कर उदाहरण

उन्होंने एक दिलचस्प बात कही, “अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते, तो हम लाखों पेड़ लगाते। लेकिन वे तो जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं, फिर भी हम उदासीन हैं।” यह वाक्य लोगों को सोचने पर मजबूर कर गया।

समाज में जागरूकता लाने की पहल
महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व

इस कार्यक्रम में महिला पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। इससे महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण को भी बल मिला।

प्रबुद्ध नागरिकों की उपस्थिति

अनिता पटेल, दशरथ पाल, नागेंद्र ध्रुव, युगल, कमलनारायण निषाद जैसे कई स्थानीय प्रबुद्ध नागरिकों ने इस अभियान में भाग लेकर सामाजिक सहयोग की मिसाल पेश की।

भविष्य की योजना और सुझाव
हरेला, पर्यावरण दिवस जैसे आयोजनों से जुड़ाव

ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि इस तरह के वृक्षारोपण को हर साल पर्यावरण दिवस, हरेला जैसे अवसरों से जोड़ा जाए ताकि यह परंपरा बन सके।

एक पेड़ माँ के नाम अभियान का पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव

एक पेड़ माँ के नाम अभियान न केवल पेड़ों की संख्या बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि यह मां के प्रति आदर और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। यदि हर गाँव इस तरह की पहल करे, तो भारत हरा-भरा और स्वस्थ बन सकता है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu