कुरूद। छत्तीसगढ़ में मंगलवार से “सुशासन तिहार” की शुरुआत हो गई है। यह कार्यक्रम तीन चरणों में चलेगा और 31 मई तक चलेगा। पहले चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों के दफ्तरों में सीधे आवेदन लिए जा रहे हैं।
सुशासन तिहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को लेकर पंचायत और नगर पंचायत कार्यालय पहुंच रहे हैं और समाधान पेटी में आवेदन जमा कर रहे हैं।
लोगों की सुविधा के लिए पंचायत और नगर निकाय दफ्तरों में अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि कोई भी आवेदन देने में परेशानी न हो। वहां मौजूद कर्मचारी लोगों को फॉर्म भरने में भी मदद कर रहे हैं।
सरकार का कहना है कि जितने भी आवेदन आएंगे, उन्हें स्कैन करके एक सिस्टम में अपलोड किया जाएगा और फिर संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। कोशिश यह है कि एक महीने के भीतर हर समस्या का समाधान कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान को गंभीरता से लें और यह सुनिश्चित करें कि लोगों को त्वरित राहत मिले। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में समाधान शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोगों की समस्याओं का现场 (现场 मतलब मौके पर) समाधान करने की कोशिश की जाएगी।
सरकार की ये पहल जनता और प्रशासन के बीच सीधा संवाद बनाने की दिशा में एक अच्छी कोशिश मानी जा रही है। अगर इसे सही ढंग से लागू किया गया, तो यह लोगों के भरोसे को मजबूत करने वाला कदम साबित हो सकता है।







