रायपुर । जगन्नाथ रथयात्रा रायपुर 2025 के अवसर पर राजधानी के गायत्री नगर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में आज श्रद्धालुओं की बेमिसाल भीड़ उमड़ पड़ी। यह पावन उत्सव हर साल की तरह इस बार भी पूरे उल्लास, भक्ति और धार्मिक आस्था के साथ मनाया जा रहा है। शुक्रवार को आयोजित इस रथयात्रा में राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, और राज्य सरकार के कई मंत्री विशेष रूप से पहुंचे।
क्या है जगन्नाथ रथयात्रा रायपुर 2025 का महत्व?
जगन्नाथ रथयात्रा रायपुर 2025 सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को भक्तगण रस्सियों से खींचते हैं, जिसे सौभाग्य और पुण्य का कार्य माना जाता है। इस यात्रा में हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं और “जय जगन्नाथ” के जयकारे से वातावरण गूंज उठता है।
उत्सव की भव्यता और सुरक्षा व्यवस्था
इस वर्ष जगन्नाथ रथयात्रा रायपुर 2025 को और भव्य बनाने के लिए मंदिर समिति और प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए, जिसमें पुलिस बल, सीसीटीवी कैमरे और चिकित्सा सहायता टीमें तैनात रहीं। रथयात्रा के मार्ग को आकर्षक रोशनी और फूलों से सजाया गया, जिससे श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
इस बार की रथयात्रा की विशेष बात रही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्यपाल की उपस्थिति। उन्होंने भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर ट्रस्ट द्वारा अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया।
गायत्री नगर का जगन्नाथ मंदिर: आस्था का केंद्र
रायपुर के गायत्री नगर स्थित यह प्राचीन जगन्नाथ मंदिर हर साल रथयात्रा का आयोजन करता है। यहां की रथयात्रा अब ओडिशा की पुरी रथयात्रा की तर्ज पर भव्यता प्राप्त कर चुकी है। स्थानीय प्रशासन, धार्मिक संगठनों और स्वयंसेवकों के सहयोग से आयोजन सुचारू रूप से संपन्न होता है।
श्रद्धालुओं की भागीदारी और अनुभव
जगन्नाथ रथयात्रा रायपुर 2025 में शामिल भक्तों ने इसे आत्मिक शांति और भगवान के सान्निध्य का अद्वितीय अनुभव बताया। भक्तों के लिए भोग प्रसादी, जल सेवा और विश्राम व्यवस्था भी की गई थी। पूरे शहर में रथयात्रा की छटा देखते ही बन रही थी।
जगन्नाथ रथयात्रा रायपुर 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की आस्था, संस्कृति और सामूहिकता का प्रतीक बन चुका है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल की भागीदारी ने इस आयोजन को और गरिमा प्रदान की। आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी अधिक भव्यता के साथ देखने को मिलेगा।
