कुरुद- छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार में मंत्री मंडल विस्तार की चर्चा इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। इस बार रथयात्रा से पहले मिड मंथ में केबिनेट में इजाफे की संभावना जताई गई है। लेकिन अलग अलग कारणों से अब तक कई बार मामला ऐन वक्त में टल गया। अपने विधायक को मंत्री बनता देखने की हसरत पाले समर्थकों यह आशंका सता रही है कि कहीं इस बार गुजरात प्लेन हादसे की वजह से मामला पोस्टपोन न हो जाए।
गौरतलब है कि प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर लम्बे से कयासों का दौर चल रहा है। पारम्परिक तरिके से 2 और हरियाणा फार्मूले से 3 नये मंत्रियों की भर्ती सरकार में हो सकती है। केबिनेट विस्तार की घोषणा पहले भी कई बार हो चुकी है। लेकिन किसी न किसी बहाने यह टलता गया। अनुभवी नेताओं को घर बिठा नये लोगों के सहारे चल रही सरकार के कामकाज को लेकर पार्टी के भीतर खाने में भी बातें होने लगी है। सदन में मंत्रियों का प्रदर्शन और ब्यूरोक्रेसी में ढीली पकड़ को देखते हुए सरकार में अनुभवी और दंबग नेताओं को शामिल करने की मांग लम्बे समय से हो रही है।लेकिन इस मामले में अब तक कोई फैसला लेने की जगह तारीख पे तारीख देने के सिवा कुछ नहीं किया गया। लेकिन पिछले दिनों मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे में पीएम सहित पार्टी के आला नेताओं से हुई मुलाकात और चर्चा के बाद से केबिनेट विस्तार का जिन एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है।
इस बार 15 जून की तिथि को विस्तार के लिए शुभ घड़ी बताया गया है। फिलहाल केबिनेट विस्तार की जारी चर्चा के बाद प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल में कुरुद को जगह मिलने की उम्मीदें फिर से अंगडाई लेने लगी है। इस मामले में अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता का धर्म निभाते हुए कुरुद विधायक ने अपने मुंह से कभी कुछ नहीं बोला। लेकिन धमतरी जिला की दशा और दिशा देख उनसे कुछ मुद्दों पर असहमति रखने वाले भी अब कुरुद के साथ इंसाफ़ करने की बात कहने लगे हैं। इसके अलावा विधानसभा, लोकसभा एवं नगरीय निकाय, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को एक तरफा जनादेश देने वाली क्षेत्र की बहुसंख्यक आबादी अपने नेता को फिर से मंत्री के रूप में देखना चाहती हैं। इसके लिए कुछ चाहने वालों ने सुशासन तिहार के शिविर में आवेदन देकर पूर्व मंत्री को वर्तमान मंत्री बनाने लिखित आवेदन दिया था। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ घंटों में इस बात का खुलासा हो सकता है कि सत्ताधारी दल धमतरी जिला की जनभावना का कितना मान रखती है।
(जमाल रिज़वी)
जानें भारतीय मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया
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