नई दिल्ली : खड़े होकर पानी पीना घुटनों के लिए हानिकारक है – यह धारणा भारत में लंबे समय से प्रचलित रही है। बड़े-बुजुर्ग अक्सर हमें बैठकर पानी पीने की सलाह देते हैं और कहते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से घुटनों में दर्द हो सकता है। लेकिन जब इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझा गया तो सामने आया कि यह सिर्फ एक मिथक है, हकीकत कुछ और ही है।
💧 पानी शरीर में कैसे काम करता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, चाहे पानी खड़े होकर पिया जाए या बैठकर, वह सबसे पहले पेट में पहुंचता है। इसके बाद आंतों के जरिए ब्लड में अवशोषित होकर शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचता है। यह पूरी प्रक्रिया 5 से 10 मिनट में पूरी हो जाती है। पानी किसी विशेष अंग में जमा नहीं होता, बल्कि पूरे शरीर में समान रूप से कार्य करता है।
🦵 घुटनों और पानी का असली रिश्ता
शरीर के जोड़ों में सिनोवियल फ्लूइड नामक तरल पाया जाता है। यह तरल घुटनों को चिकनाई देता है और घर्षण को कम करता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यह फ्लूइड संतुलित रहता है और घुटनों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यानी खड़े होकर पानी पीना घुटनों के लिए हानिकारक है – यह धारणा गलत है। असल में पानी पीना घुटनों को फायदा पहुंचाता है।
❓ गलतफहमी क्यों फैली?
पुराने समय में लोग जमीन पर बैठकर ही खाना-पीना करते थे। धीरे-धीरे यह आदत एक परंपरा बन गई और इसे सेहत से जोड़ दिया गया। समय के साथ लोगों ने मान लिया कि खड़े होकर पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक है। वहीं, उम्र बढ़ने के साथ होने वाले घुटनों के दर्द को भी अक्सर गलत आदतों से जोड़ दिया गया।
🍽️ पाचन के लिहाज से क्या है सही तरीका?
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि खड़े होकर पानी पीना घुटनों के लिए हानिकारक है – यह पूरी तरह से मिथक है। हालांकि पाचन के लिए बैठकर और धीरे-धीरे पानी पीना अधिक लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से पेट और आंतों पर दबाव कम पड़ता है और पाचन क्रिया बेहतर ढंग से काम करती है।
संक्षेप में कहा जाए तो खड़े होकर पानी पीना घुटनों के लिए हानिकारक है – यह केवल एक गलतफहमी है। असल में, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर के सभी अंगों के लिए जरूरी है और घुटनों के लिए भी फायदेमंद है। हालांकि, पाचन को बेहतर बनाने के लिए बैठकर और धीरे-धीरे पानी पीना सबसे अच्छा तरीका है।
