रायपुर — खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में विकास कार्य नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जिले के पिपरिया गांव में आयोजित लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कुल 611.21 करोड़ रुपये की लागत के 71 विकास कार्यों की सौगात दी। इसमें 470.98 करोड़ रुपये से 18 कार्यों का भूमिपूजन और 140.23 करोड़ रुपये से 53 कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
विकसित खैरागढ़ का सपना साकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में विकास कार्य अब मजबूत बुनियादी ढांचे और आधुनिक सुविधाओं के साथ आगे बढ़ेंगे। पूर्ववर्ती सरकार ने जिले का गठन तो किया, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। अब इस कमी को दूर करने के लिए सड़क, जल आपूर्ति, शिक्षा और पर्यटन से जुड़े प्रोजेक्ट्स तेजी से लागू किए जाएंगे।
प्रमुख घोषणाएं और नए प्रोजेक्ट्स
मुख्यमंत्री श्री साय ने कई अहम परियोजनाओं की घोषणा की:
-
पैलीमेटा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करना
-
छुुईखदान में 50 लाख रुपये से उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण
-
पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘पान कैफे’ की स्थापना
-
खैरागढ़ में 500 सीटर सर्वसुविधायुक्त ऑडिटोरियम निर्माण
-
मुढ़ीपार में महाविद्यालय की स्थापना
ये सभी प्रोजेक्ट्स अगले वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल होंगे।
किसानों, महिलाओं और श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
सीएम ने कहा कि किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है, जिससे उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनका निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे गांवों में रोजगार भी बढ़ा है।
‘महतारी वंदन योजना’ के तहत 70 लाख महिलाएं हर महीने आर्थिक सहायता पा रही हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए खरीदी दर बढ़ाई गई है और 5.62 लाख भूमिहीन मजदूरों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है।
धार्मिक और सांस्कृतिक पहलें
श्रीरामलला दर्शन योजना के तहत अब तक 22 हजार श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन कराया गया है, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
नेतृत्व और संकल्प
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जो किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर रहा है। उनका लक्ष्य सिर्फ योजना बनाना नहीं, बल्कि उसे धरातल पर उतारना है।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में विकास कार्य अब ऐतिहासिक रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। किसानों, महिलाओं, श्रमिकों और आम नागरिकों के लिए नई योजनाओं और प्रोजेक्ट्स के साथ यह जिला जल्द ही प्रदेश के अग्रणी विकासशील जिलों में शुमार होगा।
