कुरूद। खारुन और शिवनाथ नदी के पवित्र संगम स्थल सोमनाथ घाट लखना में रविवार को मेले जैसा नजारा था। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना की अगुवाई में शुरू हुई “खारुन दाई आजादी पदयात्रा” ने हजारों लोगों को नदी बचाने के संकल्प के साथ जोड़ दिया।
सैंकड़ों ग्रामीण, पर्यावरण प्रेमी और क्रांति सैनिक भगवान सोमनाथ के चरणों में जल अर्पण कर नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लेते हुए पदयात्रा पर निकले। इस पांच दिवसीय अभियान की शुरुआत सोमनाथ घाट से हुई, जो 5 जून को रायपुर के महादेव घाट पर समाप्त होगी।
पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य खारुन नदी में हो रहे औद्योगिक दोहन को रोकना और उसे प्रदूषण से मुक्त कर उसका प्राकृतिक जैविक संतुलन फिर से स्थापित करना है। लगातार सूखती और दम तोड़ती खारुन नदी को देखकर लोगों में आक्रोश और चिंता दोनों साफ झलक रही थी।
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय यादव के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता इस यात्रा में शामिल हैं। यात्रा के दौरान खारुन के किनारे बसे गांवों में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि लोगों को उनके पर्यावरणीय अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस जनआंदोलन को “जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी” का भी पूर्ण समर्थन मिला है, जिससे इस मुहिम को और ताकत मिली है। पदयात्री दिन-रात चलकर नदी तटों पर लोगों से मिलेंगे और जल संरक्षण का संदेश देंगे।
पदयात्रा के पहले दिन की शुरुआत पूरे उत्साह और जनसैलाब के साथ हुई, जिससे यह साफ है कि छत्तीसगढ़ की जनता अब अपनी नदियों को बचाने के लिए तैयार है। पर्यावरण के लिए यह अभियान एक बड़ा संदेश बन सकता है।
