नगर पंचायत करेली बड़ी और खट्टी को जोड़कर नगर पंचायत बनाने की घोषणा के बाद खट्टी गांव नगर पंचायत विरोध तेज हो गया है। ग्रामीण इस फैसले के खिलाफ कलेक्टरेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना है कि खट्टी के लोग स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनने के इच्छुक हैं और उन्हें नगर पंचायत में शामिल करने से ग्रामीण योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इस विवाद ने प्रशासन और स्थानीय जनता के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
खट्टी के ग्रामीणों का विरोध
राजपत्र में प्रकाशन के बाद खट्टी के ग्रामीण बड़ी संख्या में कलेक्टरेट पहुंचे। पंच यशवंत, विष्णु उपाध्याय, कुलेश्वर साहू और पंच निमेश कुमार ने बताया कि खट्टी के ग्रामीण करेली बड़ी के साथ नगर पंचायत बनने के खिलाफ हैं। ग्राम विकास समिति अध्यक्ष प्रेमलाल सोनकर, ग्राम पटेल भागवत साहू, रोहितराम साहू, मुकेश सोनकर ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना में ग्राम करेली बड़ी जनसंख्या 5069 है, खट्टी की जनसंख्या 899 है। दोनों गांव अपने-अपने स्तर पर नगर पंचायत और ग्राम पंचायत बनने में सक्षम हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि खट्टी को करेली बड़ी से जोड़कर नगर पंचायत बनाया गया, तो वे चुनाव बहिष्कार और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने रोजगार गारंटी योजना सहित ग्रामीण विकास योजनाओं में नुकसान की आशंका जताई।
प्रशासन से की गई मांगें
ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने संयुक्त कलेक्टर रामकुमार कृपाल को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं और मांगों से अवगत कराया। उन्होंने विधिवत कार्रवाई की उम्मीद जताई। इसके अलावा एसडीएम को भी ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई गई।
ग्रामीणों का कहना है कि 28 अक्टूबर को भी उन्होंने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर खट्टी को स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाने की मांग की थी, लेकिन राजपत्र में इसे नगर पंचायत में जोड़ने की घोषणा कर दी गई।
ऐतिहासिक और जनसंख्या आधार
ग्रामीणों का तर्क है कि करेली बड़ी और खट्टी दोनों की जनसंख्या और सामाजिक संरचना ऐसी है कि दोनों अपने-अपने पंचायत स्तर पर निर्णय लेने में सक्षम हैं। यदि खट्टी को जोड़ दिया गया, तो यह ग्रामीण समुदाय के हितों के खिलाफ होगा।
स्थानीय नेताओं और नागरिकों की भागीदारी
इस अवसर पर मेघराज, मिलुराम, ईश्वर यादव, रामस्वरूप, बोधीराम, कृष्णा, पवन राम, तिजुराम, संतोष कुमार, गोपीराम सहित अनेक नागरिक और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई और आंदोलन की चेतावनी दी।
खट्टी गांव नगर पंचायत विरोध अब जोर पकड़ चुका है। ग्रामीण करेली बड़ी से अलग रहना चाहते हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि खट्टी को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाए। यदि प्रशासन की ओर से जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और चुनाव बहिष्कार की स्थिति बन सकती है। यह मामला स्थानीय प्रशासन और शासन के लिए महत्वपूर्ण है, और जल्द समाधान की आवश्यकता है।







